जयपुर। भारत में Waqf Bill में संशोधन को लेकर JPC बनाई है जिसके पक्ष और विपक्ष में जनता से राय मांगी जा रही है। जनता से ये राय पत्रों व ईमेल के जरिए मांगी जा रही है। इसके बाद हिंदू व मुस्लिम पक्ष धड़ाधड़ पत्र व ईमेल भेज रहे हैं। इसी के चलते जेपीसी को अब तक 91 लाख ई-मेल प्राप्त हो चुके हैं। इतना ही नहीं बल्कि ईमेल की इनबॉक्स कैपेसिटी बढ़ाने के साथ ही 15 कर्मचारियों की अलग से ड्यूटी लगानी पड़ी है। हालांकि, ये खबरें आ रही थीं कि वक्त बिल के विरोध में मुस्लिमों की तरफ से ज्यादा पत्र व ईमेल भेजे जा रहे हैं, जिसको लेकर असद्दुदीन औवेसी जैसे नेता बहुत खुश हो रहे थे। लेकिन अब मामला उल्टा हो चुका है, जी हां, और पूरा खेल किया है पसमांदा मुस्लिमों (Pasmanda Muslim) ने, जिसको लेकर बीजेपी भी सकते में है कि आखिर ऐसा कैसे हो गया और खुशी से जश्न मना रही है।
पसमांदा मुस्लिमों ने किया वक्फ बिल का समर्थन
वक्फ बिल के समर्थन में मुस्लिमों की तरफ से जबरदस्त तरीके से समर्थन के बीच ही अचानक ऐसा हुआ कि अब औवेसी जैसे नेताओं के चेहरों की हवाइयां उड़ती नजर आ रही हैं। जी हां, गुरुवार को मुस्लिम समाज की तरफ से विधेयक पर अपना पक्ष रखने के लिए आए पसमांदा मुस्लिम महाज (Pasmanda Muslim) के प्रतिनिधियों ने जेपीसी की 5वीं बैठक में खेल करते हुए इस बिल का पुरजोर शब्दों में समर्थन कर दिया। बस… फिर क्या था हो गया खेल। पसमंदा मुस्लिम समाज के नताओं ने इस बिल को 85 प्रतिशत मुसलमानों के लिए फायदेमंद करार देते हुए मुस्लिम समाज के दलितों और आदिवासियों को भी इसमें जगह देने की मांग कर दी और यहीं से खेल हो गया।
औवेसी व विपक्ष की उड़ी हवाईयां
जेपीसी की 5वीं बैठक में जब पसमांदा मुस्लिम महाज के प्रतिनिधि बिल पर अपनी बात रख रहे थे तो विपक्ष के कई सांसद उन्हें रोक रहे थे…. इसको लेकर भाजपा और विपक्षी पक्ष के सांसदों के बीच जोरदार बहस भी हुई…. भाजपा सांसदों ने विपक्षी सांसदों के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जब कोई मुस्लिम व्यक्ति या संगठन बिल का विरोध करते हैं, तो विपक्षी सांसद चुपचाप सुनते हैं…. लेकिन जब भी कोई मुस्लिम या संगठन बिल का समर्थन करता है तो विपक्षी सांसद हंगामा खड़ा कर देते हैं। हालांकि, विपक्षी दल कितना ही हंगामा करते रहे लेकिन पसमांदा मुस्लिमों इसका समर्थन करते हुए खेल ही पलट दिया।
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सरकार को सहमति से ही आगे बढ़ने की सलाह
आपको बता दें कि जेपीसी की पांचवी बैठक के दौरान पटना स्थित चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर एवं मुस्लिम बुद्धिजीवी प्रो. फैजान मुस्तफा ने भी बिल को लेकर अपनी बातें रखी। उन्होंने वक्फ बाई यूजर और वक्फ ट्रिब्यूनल समेत बिल के कई प्रावधानों का समर्थन किया….हालांकि इसके साथ ही उन्होंने डीएम को सारी शक्तियां देने समेत कई अन्य प्रावधानों को गलत भी बताया… प्रो. फैजान मुस्तफा ने सरकार को सभी की सहमति से ही आगे बढ़ने की सलाह भी दी। हालांकि, इसको लेकर सरकार खुश है और कुछ सुधार हुए तो करेगी।
तिलमिला उठे औवेसी और विपक्षी
जेपीसी की बैठक में आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह और असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर भी मुद्दा उठाया है। इन दोनों सांसदों ने कहा कि जब वक्फ संशोधन बिल पर जेपीसी विचार कर रही है और मामला उसके पास है, तो फिर गृह मंत्री बिल को लेकर बाहर बयान क्यों दे रहे हैं? इन सांसदों ने तो यहां तक आरोप लगा दिया जेपीसी पर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में जेपीसी की बैठक में इन आरोपों पर भी तीखी बहस हुई।
इस्लाम व मुस्लिम विरोधी बिल
अब बात करें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तो उसने इस बिल को इस्लाम और मुस्लिम विरोधी तक बता दिया और इसका पूरी तरह से विरोध किया। बोर्ड ने जेपीसी की बैठक में सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि इबादत और दान, इस्लाम में आस्था का हिस्सा है जिसका जिक्र कुरान में भी है। पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को वक्फ के अधिकारों में हस्तक्षेप करार देते हुए इसका जबरदस्त विरोध किया। अब अखिल भारतीय सज्जादानशीन परिषद-अजमेर, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच और भारत फर्स्ट-दिल्ली से जुड़े लोग भी इस बिल पर अपनी राय रख रहे हैं। ऐसे में आइए देखते हैं कि अब पसमांदा मुस्लिम (Pasmanda Muslim) वक्फ बिल पर बीजेपी का साथ देते हुए उसें कैसे विजयी बनाते हैं।
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