Rajasthan News : जयपुर। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी (Vasudev Devnani) ने नई शिक्षा नीति को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि नई शिक्षा नीति राष्ट्र को सही अर्थों में विकास के पथ पर अग्रसर करेगी। भारत ने वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र का संकल्प लिया है, नई शिक्षा नीति इस उद्देश्य पर खरी उतरेगी। नई शिक्षा नीति सच्चे अर्थों में भारतीय जनमानस, नवीन विद्या पद्धतियों एवं विपुल भारतीय ज्ञान पद्धति का प्रतिनिधित्व करती है।
केन्द्र की सशक्त सरकार का गठन
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी (Vasudev Devnani) ने शुक्रवार को महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय में ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में शिक्षण संस्थानों की भूमिका’’ विषय पर आयोजित कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 2014 में केन्द्र की सशक्त सरकार का गठन हुआ। ऐसी सरकार जो विचारधारा की दृष्टि से प्राचीन भारतीय जीवन मूल्यों, आदर्शों, परम्पराओं एवं प्रथाओं के साथ-साथ भारत को ”भारत माता” मानने वाली सरकार है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के उपरान्त प्रारम्भ से ही शिक्षा व्यवस्थाओं में बदलाव अपेक्षित था। अंग्रेजाें के शासन के लगभग 200 वर्षो के दौरान शिक्षा व्यवस्था में जो विचारधारा विकसित हो चुकी थी, उसमें बदलाव अपेक्षित, प्रासंगिक, सामयिक एवं आवश्यक था। नवीन शिक्षा नीति को लागू करने से पूर्व शैक्षिक स्तर पर, आमजन के स्तर पर, शिक्षण संस्थाओं में सुझाव आमंत्रित किए गए थे एवं उन सभी सुझावों को ध्यान में रखकर यह लागू की गई।
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‘‘द ट्रेजरी ऑफ नॉलेज‘‘ के रूप में स्थापित
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी (Vasudev Devnani) ने कहा, शिक्षण संस्थान बौद्धिक कौशल एवं व्यक्तित्व निर्माण के केन्द्र होते हैं। शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में शिक्षण संस्थान भारत केन्द्रित, विद्यार्थी केन्द्रित, तर्कसंगत तथा वैज्ञानिक अवधारणाओं से युक्त ज्ञान का प्रचार प्रसार करेंगे। उसी से भारतीय ज्ञान परम्परा का पुनस्र्थापन होगा एवं राष्ट्रीय पुनरूत्थान के लिए भारत को ‘‘द ट्रेज़री ऑफ नॉलेज‘‘ के रूप में स्थापित किया जाएगा। नई शिक्षा नीति की मंशा श्रेष्ठ पाठ्यक्रम, श्रेष्ठ शिक्षक और श्रेष्ठ शैक्षिक वातावरण प्रदान करना है इसके लिए शिक्षण संस्थान सुगम, सरल और ग्राह्य पाठ्यक्रम का संचालन करें जो कि जीवनोपयोगी हो। आज खेल और खेल मैदान, विज्ञान और कम्प्यूटर की प्रयोगशालाऐं, वाद-विवाद और विचार विमर्श की प्रक्रियाऐं तथा एन.सी.सी., एन.एस.एस. (राष्ट्रीय सेवा योजना), स्काउटिंग एवं अन्य सह शैक्षिक गतिविधियाँ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रम में बहुत महत्वपूर्ण है। इन समस्त गतिविधियों का संधारण और संचालन शिक्षण संस्थानों का महत्वपूर्ण दायित्व है। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक उत्कृष्ट दस्तावेज है जिसका उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति को बौद्धिक एवं कार्य व्यवहार की दृष्टि से भारतीय बनाना है।
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