13 अप्रैल 2019 को चुनावी रैली में 'सभी चोरों का सरनेम मोदी वाले बयान पर आज सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी मानते हुए सजा सुना दी है। सूरत कोर्ट ने इस मामले में फैसला लेते हुए राहुल गांधी को 27 मिनट बाद 2 साल की सजा सुनाई। इस खबर से राहुल गांधी दुखी हुए लेकिन कुछ समय बाद ही उनके चेहरे पर सुकून भी दिखा। वह इसलिए क्योंकि सजा के तुरंत बाद ही उन्हें जमानत भी मिल गई।
पिछले 4 साल से राहुल गांधी पर मानहानि का केस चल रहा था। 2019 में चुनावी रैली में राहुल गांधी ने नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी के सरनेम के बारे में कहा था कि इन सभी का सरनेम कॉमन क्यों है। सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों वाले बयान पर बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उन पर मानहानि का केस दर्ज किया था।
आज गुजरात की सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को आईपीसी की धारा 500 के तहत दोषी करार दिया है और 2 साल की सजा भी सुनाई है। कोर्ट में राहुल गांधी ने कहा कि उनकी मंशा गलत नहीं थी। वो किसी समाज का अपमान नहीं करना चाहते थे। सजा सुनाने के तुरंत बाद ही राहुल गांधी को जमानत भी मिल चुकी है। जमानत के बाद राहुल गांधी ऊपरी अदालत में अपनी अर्जी दाखिल कर सकेंगे। सूरत कोर्ट में फैसले के समय गुजरात कांग्रेस के सभी नेता मौजूद थे।
अपने बयानों के चलते कई बार घिरे राहुल गांधी
राहुल गांधी अक्सर अपने बयानों के चलते विवादों से घिर जाते हैं। हाल ही में ब्रिटेन में जाकर भारतीय लोकतंत्र को कमजोर बताने और भारतीय छवि को खराब करने के कारण पहले से ही संसद में हंगामा हो रहा है। संसद में उनसे माफी मांगने की मांग हो रही है। उनके विवादित बयानों से संसद की सदस्यता खतरे में आ चुकी है।
7 साल से जमानत पर बाहर है राहुल और सोनिया गांधी
इसके अलावा नेशनल हेराल्ड केस में भी राहुल गांधी और सोनिया गांधी से ईडी पूछताछ कर चुकी है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर यह आरोप है कि इन्होंने यंग इंडिया लिमिटेड कंपनी बनाई, जिसका मकसद कारोबार करना नहीं था, बल्कि वो इस कंपनी के जरिए एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को खरीदकर उसकी 2 हज़ार करोड़ रुपये की संपत्ति को अपने नाम पर करना चाहते थे। इस मामले से जुड़े सभी आरोपियों को दिसंबर 2015 में निचली अदालत से जमानत मिल गई थी।