Rajasthan News : जयपुर। भजनलाल सरकार ने प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को एक बड़ी सौगात दी है। दीवाली पहले इस खुशखबरी को सुनकर सरकारी कर्मचारियों के बल्ले-बल्ले हो गई है। भजनलाल सरकार ने घोषणा की है कि एनपीएस से निकाली गई रकम सरकारी कर्मचारियों से वापस नहीं लेने का आदेश दिया है। इस फैसले से राज्य में पुरानी पेंशन योजना ओपीएस जारी रहने के संकेत दिए हैं। बता दें कि कांग्रेस सरकार ने ओपीएस लागू की थी। आइए जानते है क्या है पूरा मामला?
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सरकारी कर्मचारियों को दी बड़ी सौगात
बता दें कि राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले ओपीएस एक बड़ा मुद्दा था। कांग्रेस ने इसे लागू किया था और भाजपा ने इसे लेकर चुप्पी साधे हुए थी, भाजपा सरकार बनने के 9 महीने बाद इस बारे में कोई स्पष्ट बयान नहीं आया था। जिससे सरकारी कर्मचारी टेंशन में थे। लेकिन अब भजनलाल सरकार के इस आदेश से सरकारी कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। भजनलाल सरकार के इस आदेश से लाखों कर्मचारियों को राहत मिली है। एनपीएस से निकाली गई रकम रिटायरमेंट के वक्त नियमों के मुताबिक समायोजित की जायेगी। कर्मचारियों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है और उन्हें धन्यवाद दिया है।
ओपीएस को लेकर की बड़ी घोषणा
बता दें कि गहलोत सरकार ने 1 अप्रैल 2022 से ओपीएस लागू की थी। जिसके बाद लाखों कर्मचारियों ने एनपीएस से अपनी जमा राशी निकाल ली थी। सरकार ने ऐसे कर्मचारियों से पैसा वापस जमा कराने के लिए कहा था। लेकिन अब तक केवल 40 हजार कर्मचारियों ने ही 12 करोड़ रुपए ही जमा कराए थे। हाल ही में केद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना यूपीएस लागू की है, इससे राज्य सरकार पर भी दबाव बढ़ गया था। गहलोत सरकार ने ओपीएस लागू करते वक्त 1 जनवरी 2024 या उसके बाद नौकरी ज्वाइन करने वाले सभी कर्मचारियों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
उपचुनाव को देखते हुए सरकार ने लिया बड़ा फैसला
एनपीएस में कर्मचारियों के वेतन का 10 फीसदी हिस्सा काटकर सरकार के साथ ही जमा किया जाता था। यह राशि पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) में जमा होती थी। पूर्ववर्ती कांग्रेस के वक्त वापस से लागू हुई ओपीएस को मौजूदा भाजपा सरकार फिलहाल रद्द करने की बजाय जारी रखेगी। क्योंकि राजस्थान में होने वाले उपचुनाव में भाजपा को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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