Rajasthan by-election : हरियाणा चुनाव का रिजल्ट आने क बाद राजस्थान में होने वाले उपचुनावों में देवली-उनियारा सीट पर क्या फर्क पड़ेगा। देवली-उनियारा सीट पर कांग्रेस को कितना नुकसान हो सकता है। इस सीट पर हार जीत का फैसला मीणा और गुजर वोट बैंक करता है। हालांकि बीजेपी और कांग्रेस इस सीट पर चुनाव जीतने के लिए पूरा दम लगा रखी है। हालांकि यह तो वक्त ही बतायेगा की इस सीट पर कौन बाजी मारेगा। आइए जानते है क्या है पूरा मामला?
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देवली-उनियारा सीट जीतना बनी सचिन पायलट इज्जत का सवाल
बता दें कि सचिन पायलट के गढ़ टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा सीट अभी खाली है, क्योंकि इस सीट से विधायक रहे हरीश मीणा के सांसद बन गए है। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट की राय से ही इस सीट पर टिकट देंगे। ऐसे में यह सीट जीतना सचिन पायलट की इज्जत का सवाल हो जायेगा। वहीं कांग्रेस और बीजेपी जातिगत समीकरण देखते हुए अपने-अपने उम्मीदवारों को टिकट देगी। लेकिन हरियाणा में भाजपा की जीत से राजस्थान में भाजपा नेताओं के हौसले बुलंद हो गए है।चुनाव के मद्देनजर बीजेपी और कांग्रेस ने चुनाव समितियों का गठन कर चुनावी तैयारियों में जुट गई है। इसके साथ ही दिल्ली से लेकर जयपुर तक नेताओं में टिकट पाने की दौड़ शुरु हो चुकी है। इन संभावित उम्मीदवारों में दोनों ही दलों के कई बड़े नाम शामिल हैं।
कांग्रेस में इनकों मिल सकता है टिकट
बता दें कि 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में देवली-उनियारा से कांग्रेस के हरीश चंद्र मीणा ने बीजेपी के विजय बैंसला को 19 हजार 175 वोट से हराकर लगातार दूसरा चुनाव जीता था। इस सीट पर उपचुनाव को लेकर कांग्रेस की तरफ से पूर्व विधायक राम नारायण मीणा का नाम संभावित उम्मीदवारों में सामने आ रहा है। क्योंकि राम नारायण 2008 से 2013 तक इसी सीट से विधायक रह चुके हैं। इसके साथ ही प्रियंका गांधी के नजदीक माने जाने वाले धीरज गुर्जर भी उम्मीदवारों की दौड़ में हैं। लेकिन इस सीट पर कांग्रेस की तरफ प्रह्लाद गुंजल का नाम चौंका सकता है। क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले ही भाजपा को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे।
बीजेपी ने इनपर खेल सकती हैं दांव
वहीं बीजेपी इस सीट पर 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी रहे विजय बैंसला को टिकट दे सकती है। क्योंकि उनके हार का अंतर बहुत कम रहा था। इनके अलावा अलका गुर्जर, विक्रम सिंह गुर्जर, सीताराम पोसवाल भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं। हालांकि कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियां जातिगत वोटबैंक को देखते हुए टिकट देगी। देवली-उनियारा में मीणा और गुजर वोट बैंक सबसे ज्यादा है और यहां जातिगत आधार पर ही चुनाव लड़ा जाता है। भाजपा जहां गुर्जर उम्मीदवार पर दांव खेलती है तो वहीं कांग्रेस मीणा जाति का उम्मीदवार चुनती रही है। हालांकि यह तो वक्त ही बतायेगा बीजेपी और कांग्रेस किसको टिकट देगी और किसको नहीं। दोनों पार्टी जातिगत समीकरण को देखते हुए अपने-अपने उम्मीदवारों को टिकट देगी।
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