Dausa by-election : जयपुर। राजस्थान में होने वाले उपचुनाव को लेकर सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में लग गई है। वहीं कांग्रेस सहित सभी पार्टियों ने टिकटों को लेकर लिस्ट जारी कर दी है। लेकिन इसके साथ ही बगावत भी शुरू हो गई है। वहीं दौसा सीट पर बीजेपी ने किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को टिकट दिया है। वहीं जातिगत समीकरणों को ध्यान में देते हुए कांग्रेस ने दीनदयाल बैरवा को टिकट दिया है। वहीं बीजेपी का टिकट जगमोहन को देने से ब्राह्मण समाज नाराज हो गया है, क्योंकि उनका कहना है कि दौसा में सीट सामान्य वर्ग की थी। लेकिन बीजेपी ने सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को टिकट नही दिया है। आइए जानते है क्या है पूरा मामला?
स्वर्ण समाज की नाराजगी से बढ़ी बीजेपी की टेंशन
बता दें कि दौसा सीट से जगमोहन मीणा को टिकट मिला है, जिससे स्वर्ण समाज नाराज हो गया है। वहीं रोहित शर्मा ने नामांकन दाखिल किया है और बीजेपी पर हमला बोला है, उन्होंने कहा है कि बीजेपी भी कांग्रेस की राह पर चल रही है। ऐसे में जनता अबकी बार दौसा उपचुनाव में बीजेपी का सबक सिखाएगी। टिकट नहीं मिलने से स्वर्ण समाज के नेताओं ने भी बैठक कर अहम फैसला लिया है।
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दौसा में होगा त्रिकोणीय मुकाबला
ऐसे में दौसा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने के आसार हो गए है क्योंकि दौसा में मीणा, गुर्जर, ब्राह्मण, एससी बाहुल्य है। वहीं कांग्रेस ने भी जातिगत समीकरण को देखते हुए दीनदयाल बैरवा को टिकट दिया है। ऐसे में दौसा में उपचुनाव घमासान हो गया है। सचिन पायलट और मुरारी लाल मीणा ने डीसी बैरवा को टिकट दिलाया है। वहीं डीसी बैरवा सचिन पायलट के करीबी है। अगर ऐसे में गुर्जर वोट बैंक कांग्रेस की तरफ तो यह सीट कांग्रेस के खाते में जा सकती है।
गुर्जर वोट बैंक तय करेगा हार-जीत
वहीं भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती सामान्य वर्ग की नाराजगी मानी जा रही है। क्योंकि दौसा में सामान्य वर्ग की जनसंख्या मीणा, गुर्जर के बाद तीसरे नंबर पर है। ऐसे में दौसा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। लेकिन दौसा में त्रिकोणीय मुकाबला तय माना जा रहा है। वहीं बीजेपी नेता किरोड़ी लाल मीणा अपने भाई मुरारी लाल मीणा को जीताने के लिए पूरा जोर लगाएंगे। हालांकि यह तो आने वाला वक्त ही बताएंगा कि दौसा उपचुनाव में कौन बाजी मारेगा। बता दें कि दौसा सीट पर कांग्रेस के लिए चुनाव जीताना इतना आसान नहीं है, क्योंकि यह सीट किरोड़ी लाल मीणा का गढ़ मानी जाती है। ऐसे में यहां से कांग्रेस और बीजेपी कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है, वहीं स्वर्ण समाज की नाराजगी की वजह से दौसा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखते को मिल सकता है।
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