Naresh Meena News : देवली। राजस्थान में उपचुनाव का माहौल अब गरमाता जा रहा है और सबसे ज्यादा सुर्खियों में है टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा सीट। जहां से एक बागी नेता ने कांग्रेस और बीजेपी की नींद उड़ा दी है। नरेश मीणा, जो कभी सचिन पायलट के करीबी माने जाते थे, अब इस चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतर गए हैं और दोनों ही पार्टियों की गणित को बदलते दिख रहे हैं। हालांकि यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा कि यहां से कौन बाजी मारेगा।
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नरेश मीणा के समर्थन आए हनुमान बेनीवाल
नरेश मीणा (Naresh Meena) को नागौर के सांसद और आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल का समर्थन मिला है। बेनीवाल ने ना केवल खुलकर नरेश के पक्ष में प्रचार करने का वादा किया है, बल्कि सोशल मीडिया पर दोनों नेताओं का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें बेनीवाल नरेश मीणा के लिए वोट की अपील करते नजर आ रहे हैं। हनुमान बेनीवाल के समर्थन के बाद नरेश के पक्ष में अब कई और नेता भी आ गए हैं।
नरेश के समर्थन खाचरियावास के भाई करण सिंह
अब पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह के भतीजे और गहलोत सरकार में मंत्री रहे प्रताप सिंह खाचरियावास के भाई करण सिंह भी नरेश मीणा (Naresh Meena) के समर्थन में उतर आए हैं। उन्होंने नरेश को स्वच्छ राजनीति का प्रतीक बताते हुए कहा कि ऐसे युवाओं को आगे आना चाहिए। करण सिंह के बयान के बाद सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया है और हर किसी की नजर अब देवली-उनियारा के चुनावी समीकरणों पर टिकी है। बात करें कांग्रेस और बीजेपी की, तो कांग्रेस ने इस सीट से कस्तूर चंद मीणा को अपना उम्मीदवार चुना है, जबकि बीजेपी ने पूर्व विधायक राजेंद्र गुर्जर पर दांव लगाया है। लेकिन नरेश मीणा के निर्दलीय मैदान में उतरने से दोनों पार्टियों के वोट बैंक में सेंध लगने की आशंका बढ़ गई है। इस सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव है, और अब हर दिन यहां का तापमान चुनावी सरगर्मियों से और बढ़ता जा रहा है।
गुर्जर-मीणा वोट बैंक तय करता है हार-जीत
अगर देवली-उनियारा सीट के चुनावी आंकड़ों पर नजर डालें, तो यहां कुल 3 लाख मतदाता हैं। इनमें से मीणा और गुर्जर समुदाय के वोटर्स की तादाद ज्यादा है, करीब 52 हजार मीणा और 46 हजार गुर्जर है। इन्हीं समुदायों के वोटर्स इस सीट पर जीत-हार का फैसला करते आए हैं। इसके अलावा माली, राजपूत, ब्राह्मण, वैश्य और एससी मतदाताओं की भी अच्छी खासी संख्या है।
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