Sawai Jaisingh II Jayanti : जयपुर। शनिवार को गुलाबी नगरी जयपुर के संस्थापक, आराध्य गोविन्द देव जी मन्दिर के निर्माता, हिन्दुओं पर से जजिया कर हटवाने वाले, विश्व प्रसिद्ध जयबाण तोप बनवाने वाले, जयगढ़, जल महल, जन्तर-मन्तर का निर्माण करवाने वाले, अश्वमेघ यज्ञ करवाने वाले, धर्मपरायण, रघुकुल तिलक, सूर्यवंशी राजा, सरमदे राजा हिन्द, राजराजेश्वर, राजाधिराज सवाई जयसिंह द्वितीय की जयन्ती है।
शिक्षाविद डाॅ.योगेन्द्र सिंह नरूका’फुलेता’ ने बताया कि सवाई जयसिंह द्वितीय का टोंक से भी गहरा रिश्ता रहा है। सवाई जयसिंह द्वितीय की तेरह रानियों में एक रानी टोंक के रामपुरा(अलीगढ़) की रानी गुलाब कवँर सौलंकी थी। सवाई जयसिंह द्वितीय के विश्वासपात्र सेनापतियों में झिलाई के राजा कुशल सिंह राजावत व उनियारा के राव राजा संग्राम सिंह नरूका रहे है। उनियारा के राव राजा संग्राम सिंह नरूका का कुत्तों की फौज की मदद से सैयद बन्धुओं को परास्त करने का किस्सा इतिहास प्रसिद्ध है।
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सवाई जयसिंह द्वितीय वास्तुकला,साहित्य के साथ-साथ कुशल राजनीतिज्ञ भी थे, उन्होंने मुगलों के तोपचियों को जयपुर के जयगढ़ में रखकर तोप ढ़ालने का कारखाना लगवाया तथा विश्वप्रसिद्ध जयबाण तोप का निर्माण भी करवाया।
सवाई जयसिंह का पत्र वीर दुर्गादास के नाम में वह लिखते है कि-“उदयपुर महाराणा से बात की जाए….मराठों को मिला कर मुग़लों के विरुद्ध राजपूतों को वही करना चाहिए जो ‘हिन्दुस्तान’ के लिए गौरव की बात हो।”
-डाॅ.योगेन्द्र सिंह नरूका ‘फुलेता’
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