- मुनेश गुर्जर के निलंबन से जुड़ा मामला
जयपुर। हेरिटेज नगर निगम की निलंबित मेयर मुनेश गुर्जर के मामले में हाई कोर्ट में आज सुनवाई जारी रहेगी। मुनेश गुर्जर की याचिका पर जस्टिस इंद्रजीत सिंह दो दिन से सुनवाई कर रही है। मुनेश गुर्जर के वकील ने मुनेश गुर्जर का पक्ष रखते हुए कहा जिन आरोपों के आधार पर मेयर को निलंबित किया गया वह सभी झूठे आरोप है। एसीबी की एफआईआर में साफ लिखा है जो 2 लाख रूपये बरामद हुए वह दलाल नारायण सिंह के पास बरामद हुए है। उसके बावजूद भी निलंबन में कहा गया जो 2 लाख रूपये मिले वह मेयर पति सुशील गुर्जर के पास मिले थे।
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गुर्जर ने कहा यह पैसा उनका नहीं उनके ससुर का
वहीं दूसरी और अधिवक्ता ने अपनी दलील पेश करते हुए कहा जो 41 लाख 55 हजार रूपये घर से बरामद किए गए है। वह रूपये ससुर के है। इस बारे में मेयर ने अपने बयान पहले ही दर्ज करवा दिए थे। एसीबी की पूछताछ के दौरान भी मेयर ने यही बयान दिया था। एसीबी को पूछताछा के दौरान मुनेश गुर्जर ने बताया था उनके पति प्रोपटी का काम करते है और अपने पिता का मकान बेचा है वैशाली नगर वाले मकान को बेचने पर यह पैसा मिला है और यह पैसा उनका नहीं उनके ससुर का है।
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कार्रवाई के दौरान मेयर के घर से बरामद हुई थी 6 फाइलें
वहीं इस मामले में सरकार की और से पैरवी अधिवक्ता एमएस सिंघवी द्वारा की जा रही है। एमएस सिंघवी ने अपनी दलील पेश करते हुए कहा मुनेश गुर्जर के ससुर उनके साथ नहीं रहते है। ऐसे में उनका पैसा यहा मिल ही नहीं सकता। सिंघवी ने कहा मुनेश गुर्जर भ्रष्टाचार करने के लिए फाइल को अपने पास ही रोक कर रखती थी। कार्रवाई के दौरान मेयर के घर से 6 फाइलें भी बरामद हुई है। सिंघवी ने कहा जिल फाइल की एवज मे रिश्वत मांगी गई थी वो फाइल भी मुनेश गुर्जर के घर से प्राप्त हुई है। मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर को पट्टे बनाने की एवज में रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। उसके बाद मुनेश गुर्जर को 5 अगस्त को स्वायत्त शासन विभाग ने पद से निलंबित कर दिया था।