भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन 23 अगस्त को इतिहास रचने जा रहा है। चंद्रयान-3 से अलग हुए लैंडर के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने का पूरे विश्व में इंतजार हो रहा है। वैसे वैसे ही चंद्रयान-3 के बारे में हर बात को जानने की भी इच्छा लोगों में बढ़ रही है। इसीमें एक सवाल आ रहा है चंद्रयान-3 के चारों ओर लिपटा सुनहरा आवरण। ये आवरण क्या है और क्यों किया गया है इसके बारे में कई सवाल किए जा रहे हैं।
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कैसी होती है यह परत
सुनहरी परत से लिपटा चंद्रयान-3 देखकर इस परत को लगाने के कारण के बारे में पता किया जा रहा है। अंतरिक्ष यान या मानव निर्मित उपग्रह और उनके उपकरणों के चारों तरफ यह परत लगाने के बारे में मुंबई स्थित नेहरू तारामंडल निदेशक अरविंद पराजंपे का कहना है कि चारों ओर दिखने वाली यह परत सोना नहीं होती है। यह मल्टीलेयर इंसुलेशन या एमएलआई होती है। हल्के वजन की फिल्म से बनी ये कई परतें एक के ऊपर एक लगाई जाती हैं।
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पॉलिएस्टर और एल्यूमीनियम से बनती हैं
यान के बाहर दिखने वाली यह सुनहरी परत अंदर से सफेद या सिल्वर रंग की होती हैं। पॉलिएस्टर से बनी इस फिल्म पर एल्यूमीनियम की पतली परत होती हैं। यह दोनों शीट एक के बाद एक लगाई जाती हैं।
क्या उपयोग है इनका
इन शीट्स का काम सूर्य की रोशनी को परिवर्तित करने का होता है। यह गर्मी से बचाने का काम करती हैं। पृथ्वी से अंतरिक्ष पहुंचने में यान का तापमान बहुत जल्दी बदलता है। ऐसे में इसमें लगे उपकरणों पर कोई प्रभाव न पड़े इसलिए यह लेयर लगाई जाती है।