Rajasthan News : राजस्थान की भजनलाल सरकार ने प्रदेश के गरीबों के मुंह से निवाला छीनने वालों को ऐसा सबक सिखाय है कि वह हमेशा याद रखेंगे। जी हा गरीबों के राशन का गबन करने वालों पर भजनलाल सरकार ने सख्त एक्शन लिया है। दरअसल यह 11 राशन डीलर है जो गरीबों को 5 हजार क्विंटल से भी ज्यादा गेंहूं का गबन कर गए, तो चिलए जातने है कि आखिर यह पूरा मामला क्या है।
एक्शन मोड़ में भजनलाल सरकार
राजस्थान के बारां जिले का मामला इन दिनों सुर्खियों में है। जिला प्रशासन और रसद विभाग ने 11 राशन डीलरों पर कार्रवाई शुरू की है, जिन्होंने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीबों को दिए जाने वाले 5,348 क्विंटल गेहूं का गबन किया। इस घोटाले की जांच प्रदेश स्तरीय निरीक्षण टीम ने की थी, जिसमें यह बात सामने आई कि इन राशन डीलरों ने गेहूं की भारी मात्रा को हड़प लिया था। इस घोटाले में कुल 1 करोड़ 41 लाख रुपये की राशि शामिल है, और अब प्रशासन ने इन डीलरों की संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
रसद विभाग ने जारी किया था नोटिस
रसद विभाग ने इन राशन डीलरों को पहले नोटिस जारी किया गया था और उनसे गेहूं की वास्तविक कीमत की वसूली करने के लिए कहा गया था। लेकिन इन डीलरों ने राशि जमा नहीं की, जिसके बाद पीडीआर एक्ट के तहत इन पर कार्रवाई की जा रही है। इन डीलरों के राशन डीलर लाइसेंस पहले ही रद्द किए जा चुके हैं, अब इनकी संपत्तियों की कुर्की की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, ताकि राज्य सरकार को नुकसान की भरपाई हो सके। अब सवाल यह उठता है कि ये राशन डीलर कौन-कौन हैं? चलिए, इन 11 डीलरों के नाम जानते हैं। इनमें 11 नामों में खरखड़ा आसन से सुलोचना बाई, कवाई सालपुरा से रामस्वरूप सहरिया, बांरा तेल फैक्ट्री से कमल कुमार शर्मा, बामला गांव से नरेंद्र सोनी, भटवाडां से जोधराज पांचाल, बारां की राठौर तेलघाणी उत्पादक सहकारी समिति, सकरावदा गांव से रामचरण सहरिया, खडलीगंज अटरु से ज्ञानचंद जैन, रेलावन मुंशीराम सहरिया, गोरधनपुरा मोहनलाल सहरिया और गुसाई खेरखेड़ा से घासीलाल शामिल है।
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राज्य सरकार की राशि की भरपाई की जाएगी
इस कार्रवाई की पूरी प्रक्रिया को देखते हुए, प्रशासन अब इन डीलरों की संपत्तियों की पहचान कर रहा है। एक बार संपत्तियों का पूरा ब्यौरा मिल जाने के बाद, उन्हें नीलाम कर राज्य सरकार की राशि की भरपाई की जाएगी। यह मामला राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में भ्रष्टाचार की गंभीरता को उजागर करता है और यह दर्शाता है कि प्रशासन इस तरह की गड़बड़ियों के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है। इस तरह के मामलों में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली का उद्देश्य गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना है। जब इस प्रणाली का दुरुपयोग होता है, तो समाज के कमजोर वर्ग को सीधे नुकसान पहुंचता है। ऐसे मामलों में प्रशासन की सख्त कार्रवाई यह संदेश देती है कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कानून के मुताबिक सभी दोषियों को सजा दी जाएगी।
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