- इसरो का सफर साइकिल से चांद तक
नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि इसरो की चर्चा आज हर कोई कर रहा है। चंद्रयान-3 मिशन ने चांद पर कदम रख दिया है। इसरो का सफर 1962 में शुरू हुआ था। 1962 से अब तक इसरो ने कई शानदार उपलब्धि हासिल की है। मानों जैसे शुन्य से अनंत तक का सफर तय किया हो। पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इसरो की स्थापना की थी। इसके मुखिया बने थे विक्रम साराभाई। उस समय साराभाई के पास गिने-चुने ही वैज्ञानिकों की टीम थी। इसरो की स्थापना के साल भर बाद पहला रॉकेट लॉन्च किया गया। इस दौरान रॉकेट के पार्ट्स को साइकिल पर रखकर लॉन्च सेंटर तक पहुंचाया गया। इस तस्वीर ने देश के इतिहास पर अपनी अमिट छाप छोड़ दी।
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इसरो का इतिहास भारत की अनंत जिज्ञासा का इतिहास
1962 में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति ने तिरूवनंतपुरम मे थुम्बा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन की स्थापना की। जिसका बाद में नाम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र रखा गया। डॉ.ए.पी.जे अब्दुल कलाम इसकी टीम में शामिल थे। पहला रॉकेट 21 नवंबर 1963 को लॉन्च किया गया। डॉ. होमी भाभा जैसे एलीट साइंस्टिस्ट्स की मौजूदगी में रॉकेट लॉन्च किया गया।
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भारत का पहला उपग्रह आर्यभट्ट
आर्यभट्ट भारत का पहला उपग्रह था। आर्यभट्ट उपग्रह को 19 अप्रैल 1975 को कॉस्मोस-3 एम लॉन्च वीइकल से लॉन्च किया गया था। इसका नाम भारतीय खगोलशास्त्री के नाम पर रखा गया था। इसे लॉन्च सोवियत संघ ने किया था।
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पहला स्वदेशी रॉकेट किया लॉन्च
भारत की और से पहला स्वदेशी रॉकेट बनाया गया। सैटलाइट लॉन्च वीइक-3 पहला सैटलाइट लॉन्च वीइकल था। इस स्वदेशी रॉकेट को 18 जुलाई 1980 को लॉन्च किया गया। जिसके बाद भारत अंतरिक्ष प्रगतिशील देशों के एक विशेष क्लब का छठा सदस्य बना था। यह एक सीरीज थी जिसमें चार सैटलाइट शामिल थे।
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39 सफल मिशन के साथ वीइकल किए लॉन्च
भारत की तीसरी पीढ़ी को लॉन्च वीइकल पोलर सैटलाइट लॉन्च वीइकल बना। जिसे 1994 में लॉन्च किया गया था। जिसके बाद से 2017 तक 39 सफल मिशन के साथ वीइकल लॉन्च किए गए। 2008 में चंद्रयान-1 यह भारत का पहला मून मिशन था। 29 अगस्त 2009 को संपर्क टूटने के कारण मिशन समाप्त हो गया। तथा 2013 में मंगल ऑर्बिटर स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च किया गया। वहीं इसरो को जियोसिंक्रोनस सैटलाइट लॉन्च वीइकल एक शानदार अविष्कार है।
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मंगलयान मिशन से रचा इतिहास
अपनी पहली ही कोशीश में मंगलयान मिशन ने इतिहास रच दिया था। मार्स ऑर्बिटर किसी ग्रह पर भेजने का यह पहला मिशन था। जिसमें भारत को सफलता मिली। इसरो मंगल की कक्षा में पहुंचने वाला दुनिया की चौथी अंतरिक्ष एजेंसी बन गई थी। वहीं पहली ही कोशिश में मंगल ग्रह तक पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। मंगलयान को 5 नवंबर 2013 को लॉन्च किया था।