Rajkumar Roat News : डूंगरपुर-बांसवाड़ा के सांसद राजकुमार रोत ने आदिवासियों के अधिकारों को लेकर संसद में हुंकार भरी है। उन्होंने कहा, आदिवासियों को आज तक उनके अधिकार नहीं मिले है। पैसा एक्ट 1996 बनाया गया था जो आज तक लागू नहीं हुआ है। इसके अलावा राजकुमार रोत ने आदिवासी समाज, गरीब वर्ग के लिए कई मांग उठाई है। आइए जानते है क्या है पूरा मामला?
इस दौरान राजकुमार रोत ने पुराना उदाहरण देते हुए कहा कि विधानसभा की चर्चा हो रही थी जब जयपाल सिंह मुंडा ने कहा था कि आदिवासियों को लोकतंत्र सिखाने की नहीं बल्कि आदिवासियों से लोकतंत्र सीखने की जरूरत है। राजकुमार रोत ने कहा, सविधान के अनुसार इस देश में रहने वाला प्रत्येक वर्ग आदिवासी, एससी-एसटी, गरीब वर्ग के उदधान के लिए प्रावधान किया गया है। लेकिन 75 साल हो गए। लेकिन सविधान के अंदर आदिवासी समुदाय हित में जो प्रावधान बने हुए है, उन्हें आज तक धरातल पर लागू नहीं किया गया है।
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राजकुमार रोत ने आरक्षण के निजीकरण को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। वहीं आरक्षण का निजीकरण करना सविधान के साथ कुराघात है। इसके साथ उन्होंने जातिगणना करवाने की मांग की है और मणिपुर घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने 1996 में पैसा एक्ट आया था और आज भी कई राज्यों में पैसा एक्ट के कानून नहीं बने हुए है।
पैसा एक्ट में प्रावधान शेड्यूल एरिया के अंदर कोई भी जमीन है कोई उद्योगपति व सरकार लेती है तो उसे पैसा एक्ट की ग्राम सभा के तहत अनुमति लेना अनिवार्य है। लेकिन आदिवासी क्षेत्रों में देखा गया है राष्ट्र हित के नाम से जमीन ली जाती है। पैसा एक्ट को नजरअदांज किया जाता है। आदिवासियों का घर उजाड़ कर उद्योगपति को जमीन देना कौनसा राष्ट्रहित है।
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