16th Tribal Youth Exchange Programme: गृह मंत्रालय के सौजन्य से सात दिवसीय 16 वें आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का समापन समारोह आज शुक्रवार को विवेकानंद विश्वविद्यालय, जयपुर के सभागार में हुआ। इस कार्यक्रम का आयोजन माय भारत-नेहरू युवा केंद्र संगठन, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राजस्थान सरकार के जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री बाबूलाल खराड़ी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित किया गया।
खराड़ी ने कहा कि आदिवासी समाज ने देश के स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाई है। तिलका मांझी, राणा पूंजा और भगवान बिरसा मुंडा जैसे महापुरुषों ने स्वाभिमान और देशप्रेम का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी संस्कृति और उसके देश के लिए बलिदान देश के सभी हिस्सों में एक समान हैं।
खराड़ी ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने अपनी संस्कृति से कटने के विरोध में उलगुलान आंदोलन की शुरुआत की। जिससे अंग्रेजों की हुकूमत को हिला दिया। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि आज भी असामाजिक तत्व भोले-भाले आदिवासी युवाओं को भटकाकर अतिवाद की ओर ले जाते हैं। उन्होंने युवाओं को जागरूक करते हुए कहा कि शिक्षा और सही मार्गदर्शन के माध्यम से ही इस विचारधारा को समाप्त किया जा सकता है।
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भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की राह पर है, और इसमें आदिवासी युवाओं की संपूर्ण भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत की संस्कृति ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ और विश्व कल्याण की बात करती है, इसलिए युवाओं को इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ ललित के. पंवार, सेवानिवृत आई.ए .एस. ने आदिवासी युवाओं को आधुनिकता के साथ समन्वय बनाते हुए विकास के सकारात्मक पहलुओं को अपनाने का आह्वाहन किया । इस अवसर पर के. आर. बगरिया , पूर्व आर पी एस सी सदस्य एवं वाइस चेयरमैन विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने युवाओं को डिजिटल युग में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन शिक्षा और डिजिटल संसाधनों का सही उपयोग करके युवा अपने कौशल को निखार सकते हैं और सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर आगे बढ़ सकते हैं।
नेहरू युवा केंद्र संगठन पश्चिमी क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ भुवनेश जैन ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों के युवा कठिन परिस्थितियों से गुजरते हैं। सही मार्गदर्शन, शिक्षा और तकनीकी साक्षरता के माध्यम से वे अपने भविष्य को उज्जवल बना सकते हैं।
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