- मां परखेगी भोजन की गुणवत्ता
- पौष्टिक आहार के लिए स्कूलों में बनेंगे न्यूट्रिशन गार्डन
- भोजन की गुणवत्ता के लिए दिया जाएगा प्रशिक्षण
जयपुर। राजस्थान में चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नए-नए इनोवेशन कर रहे हैं। स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के साथ बच्चों की मां का दिल जीतने के लिए गहलोत ने अब एक अनूठा प्रयोग किया है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए सीएम गहलोत ने पहल शुरू की है जिसमें मिड डे मील के तहत मिलने वाले भोजन को पहले मां चखकर देखेगी उसके बाद बच्चों को खिलाया जाएगा।
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मां परखेगी भोजन की गुणवत्ता
सरकारी स्कूलों में बच्चों के नामांकन को बढ़ाने और कुपोषण से बचने के लिए राज्य सरकार ने नई पहल शुरू की। इसके तहत स्कूलों में मिड डे मील में जो भोजन बच्चों को परोसा जाता है उसकी गुणवत्ता छात्रों की मां चेक करेंगी। सरकार की ओर से कहा गया है कि 'मिड डे मील' का सोशल ऑडिट बच्चों की माँ के द्वारा कराया जाएगा ताकि भोजन की गुणवत्ता में बढ़ोत्तरी हो। सरकार की यह पहल मील का पत्थर माना जा रहा है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की माताओं को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाएगा। वो भोजन को चखकर बताएगी कि जो पोषाहार दिया जा रहा है उसका स्वाद खाने लायक हैं या नहीं।
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पौष्टिक आहार के लिए स्कूलों में बनेंगे न्यूट्रिशन गार्डन
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने इसके लिए कार्य योजना बनाकर निर्देश जारी किए हैं ताकि कार्यक्रम का प्रभावी क्रियान्वयन हो सके। स्टूडेंट्स को पौष्टिक आहार मिल सके इसके लिए विद्यालय में ही न्यूट्रिशन गार्डन विकसित किए जाएंगे। इन गार्डन में ऐसी खाद्य सामग्री उगाई जाएगी जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो। मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि मॉनिटरिंग करने के लिए हर स्कूल में प्रतिदिन कम से कम पांच विद्यार्थियों की माताओं को विद्यालय में प्रार्थना के समय आमंत्रित किया जाए।
भोजन की गुणवत्ता के लिए दिया जाएगा प्रशिक्षण
सरकार ने खाने की सारी प्रक्रिया को सुचारू तौर पर चलाने के लिए प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की है। मिड डे मील बनाने वाले कुक -कम -हेल्पर को खाना पकाने के से लेकर खाना परोसने तथा साफ-सफाई और भंडारण के सही तरीके को लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।