Chandrayaan 3 मिशन के सफलतापूर्वक पूरा होने के अब इसरो ने अपने कदम सूर्य की ओर बढ़ा दिए हैं। आज दोपहर 11.50 बजे बेंगलुरु के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से सूर्य के अध्ययन के लिए Aditya L1 सैटेलाइट को लॉन्च किया जाएगा। यह सैटेलाइट स्वदेशी रॉकेट PSLV-C57 के जरिए पृथ्वी और सूर्य के बीच लैंग्रेंज प्वाइंट एल-1 पर स्थापित किया जाएगा। वहां से यह निरंतर सूर्य का अध्ययन कर एकत्रित की गई महत्वपूर्ण जानकारी इसरो के वैज्ञानिकों को भेजेगा।
अमरीका के बाद भारत बना दूसरा देश
अब तक सूर्य के अध्ययन के लिए जितने भी मिशन लॉन्च किए गए हैं, उनके सबसे ज्यादा NASA ने लॉन्च किए हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर यूरोपियन यूनियन के सैटेलाइट्स हैं, लेकिन ये भी नासा के सहयोग से या अन्य देशों के सहयोग से भेजे गए हैं। जबकि भारत ने अपने इस पहले सूर्य मिशन को पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से तैयार किया है। Aditya L1 की सफलता के बाद भारत ऐसा करने वाला विश्व का दूसरा देश बन जाएगा जिसने अकेले अपने दम पर इतनी बड़ी सफलता हासिल की है।
महज 400 करोड़ रुपए में पूरा हुआ प्रोजेक्ट
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार Aditya L1 का कुल बजट लगभग 378.53 करोड़ रुपए आंका गया है। इतिहास में पहली बार इतने कम बजट में किसी स्पेस सैटेलाइट को लॉन्च किया जा रहा है। हाल ही सफलतापूर्वक लॉन्च किए गए चंद्रयान-3 मिशन का कुल बजट भी 600 करोड़ रुपए था। इस तरह ये दोनों ही प्रोजेक्ट दुनिया में सबसे किफायती स्पेस मिशन माने जा रहे हैं।
वर्ष 2006 में नासा द्वारा सूर्य के अध्ययन के लिए भेजे गए सैटेलाइट का कुल बजट 550 मिलियन डॉलर (भारतीय मुद्रा में करीब 45 रुपए) था जो आदित्य एल1 की तुलना में करीब 9 गुना ज्यादा है। यदि आदित्य एल-1 प्रोजेक्ट के बजट की फिल्मों से तुलना की जाए तो हॉलीवुड तो दूर, बॉलीवुड की फिल्में भी इससे ज्यादा महंगी साबित होंगी। हाल ही रिलीज हुई आदिपुरुष मूवी का बजट ही करीब 500 करोड़ रुपए था, जबकि बाहुबली सीरिज का कुल बजट भी इससे ज्यादा था।