- क्या बिना सूरज के जीवन है असंभव
- सूरज पर नहीं कोई चांद
- सूर्य बृहस्पति से भी 10 गुना चौड़ा
नई दिल्ली। सूर्य के बिना धरती पर जीवन जीना असंभव है। सूर्य को हमारे सोलर सिस्टम का नेता कहा जाता है। सूर्य के चारों और कई ग्रह चक्कर लगाते है। सूर्य को नासा ने 4.5 अरब वर्ष पुराना तारा बताया है। सूर्य पृथ्वी के सबसे नजदीकी तारा है। सूर्य की पृथ्वी से दूरी की बात करे तो यह पृथ्वी से 15 करोड़ किलोमीटर दूर है। यही कारण है सूर्य की रोशनी को पृथ्वी पर आने में 8 मिनट 20 सेकेंड का सयम लगता है। सूर्य का सबसे गर्म हिस्सा इसका केंद्र है।
यह भी पढ़े: उदयपुर में कांग्रेस कर सकती है खेल, ये नेता ले सकता है गुलाब चंद कटारिया की जगह
सूर्य पृथ्वी से बड़ा
सूर्य पृथ्वी से 100 गुना बड़ा है। इसके साथ ही सूर्य बृहस्पति से भी 10 गुना चौड़ा है। सूर्य के भीतर नासा के अनुसार 13 लाख पृथ्वी समा सकती है। सूर्य को सौर मंडल का एकमात्र तारा भी बताया गया है। सूर्य का गुरूत्वाकर्षण सौरमंडल को एक साथ बांधे रखने का कार्य भी करता है। सौर मंडल के चारों और सब कुछ घूमता रहता है। धरती से सूर्य का फोटोस्फीयर हिस्सा दिखाई देता है। यही हिस्सा पूरी धरती को रोशनी देने का कार्य करता है।
यह भी पढ़े: महिला अपराध पर राजस्थान में उबाल, मणिपुर जैसी घटना आई सामने, भाजपा ने मांगा सरकार से जवाब
सूर्य का दिन मापना जटिल
पृथ्वी पर दिन और रात का श्रेय सूर्य को ही जाता है। सूर्य का दिन सूर्य के एक चक्कर लगाने को कहते है। पृथ्वी पर भी यही होता है। सूर्य पर कितने देर से दिन होगा ये मापना जटिल होगा। सूर्य पृथ्वी की तरह नहीं घूमता है। सूर्य की सतह ठोस होती है। सूर्य भूमध्य रेखा पर 25 दिनों में एक चक्कर को पूरा करता है। उसके ध्रुवों पर सूर्य 36 दिनों में अपनी धुरी पर एक ही बार घूमता है।
यह भी पढ़े: ED Action: राजस्थान में ED ने बढ़ाई टेंशन, एक महीने में चार कारवाई को अंजाम दे कर चढ़ाया सियासी पारा
सूर्य का नहीं कोई चांद
सूर्य की सतह पर क्रोमोस्फीयर तथा कोरोना लेयर मौजूद है। सूर्य मंडल में सभी ग्रहों पर अपने चांद होते है। इसी तरह पृथ्वी का भी चांद है, लेकिन सूर्य का कोई चांद नहीं है। सूर्य के चारों और करोड़ों धूमकेतु चक्कर काटते है। सूर्य पर हर किसी की नजर है। भारत का आदित्य एल-1 भी इसकी निगरानी में तैनात किया गया है।