- राजे ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना
- अपनी योजना ईआरसीपी पर फुटा गुस्सा
जयपुर। राजस्थान ईस्टर्न कैनान परियोजना को लेकर राजस्थान में सियासत चरम पर है। इस परियोजना की शुरूआत करने वाली पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस परियोजना से लम्बे सयम से दूरी बनाई हुई थी। ईआरसीपी परियोजना पर चल रही सियासत से राजे ने खुद को दुर किया हुआ था। आखिरकार राजे ने ईआरसीपी के मुद्दे पर चुप्पी तोड़ ते हुए गहलोत सरकार को कटघरे में खड़ा किया। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ईआरसीपी का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला।
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राजे ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना
राजे ने ईआरसीपी को लेकर कहा उनकी भाजपा सरकार ने ईआरसीपी को जमीन पर लाने के लिए 25 अगस्त 2005 को मध्यप्रदेश के साथ नदियों के पानी के लिए समझौता भी किया था। दुर्भाग्य रहा की गहलोत सरकार आ गई और ईआरसीपी ठंडे बस्ते में चली गई। राजे ने कहा फिर से जब सरकार बनाई तो डीपीआर बना कर इसका काम आगे बढ़ाया गया। इसके लिए नवनेरा बैराज तथा ईसरदा बांध का काम भी शुरू किया गया। राजे ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा साढ़े चार साल में कोई प्रयास नहीं किया आज 13 जिलों की जनता प्यासी है।
नहीं होने देंगे कुठाराघाता
राजे ने कहा राजस्थान के हिस्से का एक बूंद पानी भी कम नहीं होने देंगे। खून पसीना बहाना पड़े तो यह भी बहाया जाएगा। गहलोत सरकार को आमजन के हितों की कोई चिंता नहीं है। सरकार खुद के हितों की चिंता करती है। राजस्थान के हितों पर कोई कुठाराघात नहीं होने देंगे। 2017 में वसुंधरा सरकार ने ईआरसीपी योजना को तैयार किया था। जिसे केंद्र सरकार के पास जाचं के लिए भेजा गया। संशोधन के लिए राज्य सरकार के पास वापस भेज दिया गया। सत्ता पलट होने के बाद सीएम गहलोत ने परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग उठाई गई थी।