- ऐसे रखी गई कोटक महिंद्रा बैंक की नींव
- 20 साल की उम्र में इस हादसा
- उदय कोटक का जीवन
- पत्नी पल्लवी का रहा बड़ा हाथ
जयपुर। Uday Kotak कोटक महिंद्रा बैंक को देश में नाम देने वाले उदय कोटक के जीवन को देखकर कोई भी अपने जीवन में कामयाबी को छू सकता है। सपनों का टूटना और फिर से उन्हें खड़ा करना यह उदय कोटक की पहचान है। 20 साल की उम्र में जिंदगी और मौत से जूझने वाले उदय ने अपनी मेहनत के दम पर ही 3.50 लाख करोड़ का कोटक महिंद्रा बैंक खड़ा किया।
यह भी पढ़े: CM स्टालिन के बेटे के बयान पर मचा बवाल, BJP और हिंदू संगठनों ने INDIA गठबंधन को घेरा!
इन्हीं उदय कोटक ने मैनेजिंग डायरेक्टर का पद एक सितंबर 2023 को छोड़ दिया है। अपने जीवन के कई साल उन्होंने इस कंपनी को दिए और इसे नाम दिलाया। उनके इस फैसले ने सभी को चौंका दिया। वैसे उदय कोटक गैर-कार्यकारी निदेशक बनकर अभी भी बैंक के कामों से जुड़े रहेंगे। ये कार्यकाल अगले 5 साल तक ऐेसे ही चलेगा।
बैंकिंग क्षेत्र में सूरज की तरह हैं उदय कोटक
उदय कोटक ने कोटक महिंद्रा बैंक को 38 सालों में अलग मुकाम दिया। अपनी मेहनत के दम पर भारत में बैंकिंग सेक्टर में झंडे गाड़ने में कामयाब रहे। कई मुश्किलों का सामना कर वे हर बाधा को पार करते गए।
ऐसे टूटा क्रिकेटर बनने का सपना
धुंआधार बल्लेबाजी करने वाले Uday Kotak उदय कोटक के साथ अगर एक हादसा न होता तो वे शायद देश के नामचीन क्रिकेटर होते। लेकिन शायद उनकी नियति को कुछ और ही मंजूर था। 20 साल की उम्र में एक मैच के दौरान बल्लेबाजी करते हुए गेंद उनके बल्ले की जगह सिर से जा टकराई। जिससे वो बेहोश होकर गिर गए। इस हादसे के बाद उन्हें क्रिकेट से नाता तोड़ना पड़ा। यही नहीं इस चोट के बाद वे एक साल तक पढ़ाई से भी दूर रहे।
यह भी पढ़े: बेणेश्चर धाम पर सियासत तेज, आदिवासियों को साधने अमित शाह फिर आ रहे राजस्थान, 28 सीटों पर टिकी नजर
ऐसे चुना बैंकिंग सेक्टर को
उदय कोटक ने भारत के कॉर्पोरेट इतिहास में 22 मार्च 2003 को कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड को भारतीय रिजर्व बैंक से बैंकिंग लाइसेंस दिलवा कर एक नया आयाम स्थापित किया। 20 साल उन्होंने कोटक महिंद्रा बैंक का नेतृत्व भी किया। इस बैंक की मार्केट कैप आज करीब 3.52 लाख करोड़ रुपये है। साल 1986 में आनंद महिंद्रा की मदद लेकर इस वित्त कंपनी की शुरुआत हुई थी। 30 लाख में शुरू हुई यह कंपनी बिल डिस्काउंट, लोन पोर्टफोलियो, स्टॉक ब्रोकरिंग, इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, इंश्योरेंस और म्यूचुअल फंड्स में भी उतरी।
यह भी पढ़े: चुनावी नैय्या के खिवैया बनेंगे बाबा, बाबाओं के इर्द गिर्द घूमने लगी सियासत, बारां में बागेश्वर सरकार
परिवार का नहीं मिला था सपोर्ट
उदय कोटक का जन्म 15 मार्च 1959 को एक गुजराती कारोबारी परिवार में हुआ था। उनके पारिवार का कॉटन ट्रेडिंग का काम था। फिर भी उदय कोटक ने अलग राह चुनी जिसे परिवार ने शुरू में काफी विरोध किया। सिडनम कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री लेने वाले और जमना लाल बजाज इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से MBA करने वाले उदय ने अपने इरादे मजबूत रखे।
पत्नी रही हमेशा साथ
उदय कोटक की सफलता में उनकी पत्नी पल्लवी कोटक का भी बड़ा हाथ रहा। पल्लवी कोटक ने उन्हें नौकरी करने की जगह खुद का व्यापार करने का सुझाव दिया। इसके बाद उदय कोटक ने यह काम शुरू किया।