रूस और चीन के मिलते ही सारी दुनिया में हलचल मच गई है। यही नहीं यह मिलना भारत से भी रूस की दोस्ती में खटास लाने का काम करने वाला है। हालांकि रूस ने इस बात से इंकार किया है और कहा है कि चीन के साथ बातचीत भारत के साथ रिश्ते पर किसी भी तरह का प्रभाव नहीं डालेगी। जिनपिंग एक मिशन के कारण रूस गए थे जहां वे पुतिन से मिले। इस दौराना उन्होंने पुतिन के मजबूत फैसलों और कार्यों की तारीफ भी की। वहीं चीन के साथ बिगड़े भारत के रिश्तों के बारे में सभी को पता है।
पता है।
रूस के राजदूत ने कहा सिर्फ सोच
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की रूस यात्रा के क्या परिणाम निकलेंगे यह विश्लेषण इन दिनों काफी हो रहा है। वहीं इस यात्रा के नतीजों के बारे में भी बहुत आंकलन लगाया जा रहा है। जो कि सही नहीं है। यह रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने एक ट्वीट के दौरान कहा है। उन्होंने यहां तक कहा कि भारतीय विशेषज्ञ तो इसे भारत और रूस की रणनीतिक संरेखण का नुकसान भी मान रहे है। जो कि सिर्फ उनकी सोच है। जिनपिंग के माॅस्को दौरे से ही भारतीय विशेषज्ञों की ओर से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि रूस और चीन की बढ़ती नजदीकियां भारत को नुकसान पहुंचाएगी। यही नहीं लद्दाख के पूर्वी क्षेत्र को लेकर भारत और चीन में तनाव कम नहीं हो रहा है। दोनों देशों की ओर से बड़ी संख्या में सैनिक आमने सामने हैं।
भारत भी है रूस के लिए खास
भारत, चीन और रूस के बीच रिश्ते काफी उलझे हुए हैं। वहीं अगर त्रिगुनायत की बात करें तो रूस के लिए भारत कम खास नहीं है। भारत रूस के लिए रक्षा मामले में बड़ा साझीदार माना जाता है। राजनीतिक रणनीति के अनुसार भी भारत का बहुत महत्व रूस के लिए है। दूसरी ओर यूक्रेन से हो रही जंग के बाद से रूस ने अब तक भारत को कच्चा तेल बड़ी मात्रा में सप्लाई किया है।