- भगवान गणेश बाल रूप में विराजमान
- एक साल में बनी मंदिर की सीढ़ियां
जयपुर। राजस्थान में कई सारे गणेश मंदिर है जिनके पीछे की अलग कहानी होती है। ऐसे ही एक अनोखे मंदिर के बारे में आपको बता रहे हैं जहां पर बिना सूंड के गणेशजी की प्रतिमा है। छोटे बच्चों के लिए भगवान की प्रतिमा को पहचानना मुश्किल होता है लेकिन प्रथमपूज्य गणेशजी को बच्चे उनकी सूंड के कारण पहचान लेतें हैं। जयपुर में बिना सूंड वाले गणेशजी का बहुत प्राचीन मंदिर है। ऐसी मान्यता है कि यहां मांगी हुई हर इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। जानते हैं इस प्राचीन मंदिर के बारे में-
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भगवान गणेश बाल रूप में विराजमान
जयपुर के नाहरगढ़ पहाड़ी पर स्थित भगवान गणपति के इस भव्य मंदिर को गढ़ गणेश के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की अलग ही खासियत है। लगभग 350 साल पुराने इस मंदिर को महाराजा सवाई जयसिंह ने अश्वमेघ यज्ञ करने के बाद बनवाया था। इस मंदिर में भगवान गणेश की जो बिना सूंड की प्रतिमा है उसके पीछे कारण यह है कि यहां भगवान गणेश बाल रूप में विराजमान हैं।
एक साल में बनी मंदिर की सीढ़ियां
इस प्राचीन गणपति मंदिर में कुल 365 सीढ़ियां हैं। कहा जाता है कि मंदिर की इन सीढ़ियों को बनाने में पूरा एक साल लग गया था। मंदिर निर्माण के साथ-साथ रोजाना 1 सीढ़ी बनाई जाती थी। इसलिए एक साल में यह मंदिर की सीढ़ियां बनकर तैयार हो गई थी। इस मंदिर पर जाते समय रास्ते में शिव मंदिर पड़ता है, जहां के दर्शन करने के बाद ही आगे बढ़ा जाता है। यहां पूरे शिव परिवार की तस्वीर रखी गई है।