- अमेरिका के राष्ट्रपति सबसे शक्तिशाली शख्स
- अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए आई 3 बीस्ट कारें
- बीस्ट कार के फ्री में रखी होती है खून की थैली
- साथ चलता है परमाणु मिसाइल का ब्रीफकेस
- 10 मिनट की दूरी पर होता है अस्पताल का ट्रॉमा सेंटर
जयपुर। पूरी दुनिया में अमेरिका के राष्ट्रपति को सबसे शक्तिशाली शख्स माना जाता है। इसीलिए कहा जाता कहा जाता है कि जब वो चलते हैं तो दुनिया ठहर जाती है। अभी भारत में जी20 समिट का आयोजन किया जा रहा है। ऐसे में जो बाइडन का प्लेन एयरफोर्स वन जब दिल्ली के आसमान में पहुंच रहा है। राष्ट्रपति के लिए तीन लेवल की सिक्योरिटी एक्टिव की गई हे। इनमें अमेरिकी एजेंसी सीआईए, सीक्रेट सर्विस, सेना, एयरफोर्स सभी अलर्ट हो चुके हैं। जब बाइडन से पहले सीक्रेट सर्विस और सीआईए के एजेंट्स के साथ-साथ बाइडन की सुपर कार 'बीस्ट' पहले ही भारत पहुंच चुकी है। राष्ट्रपति के कारों की खेप अमेरिका से जंबो प्लेन बोइंग सी-17 ग्लोबमास्टर से लाई गई है। बाइडन की सुरक्षा की पहली लेयर में दिल्ली पुलिस और CRPF के जवान होंगे। पीएम मोदी को सुरक्षा देने वाले SPG कमांडोज दूसरी लेयर में तैनात रहेंगे। तीसरे और सबसे महत्वपूर्ण लेवल की सुरक्षा खुद अमेरिका के सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स संभाल रहे हैं।
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अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए आई 3 बीस्ट कारें
इसमें सबसे खास बात ये है कि एयरफोर्स वन से उतरने के तुरंत बाद बाइडन अपनी बीस्ट कार में सवार होंगे, जो एयरपोर्ट से सीधे मौर्य होटल आकर रुकेगी। अमेरिका के राष्ट्रपति का जब भी विदेश दौरा तय होता है तो सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स तीन महीने पहले से उसकी तैयारी में जुट जाते हैं। एयरपोर्ट से मौर्य होटल आने, वहां से प्रगति मैदान और राजघाट के तमाम रास्तों की सीआईए और सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स पहले ही रेकी कर चुके हैं। आपको जानकर शायद ताज्जुब हो कि अकेले राष्ट्रपति के लिए एक नहीं बल्कि दो या तीन बीस्ट आई हैं। इसकी भी अपनी वजह है।
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बीस्ट कार के फ्री में रखी होती है खून की थैली
आपको बता दें कि अब्राहम लिंकन से लेकर 1963 में जॉन एफ केनेडी तक अमेरिका के 4 राष्ट्रपतियों की हत्या हो चुकी है। ऐसे में अमेरिका अब अपने चीफ की सुरक्षा को लेकर काफी अलर्ट और गंभीर रहता है। इसी के चलते राष्ट्रपति व्हाइट हाउस से बाहर अमेरिका में जा रहे हों या विदेशी धरती पर, वे बीस्ट में ही बैठते हैं। इस लिमोजीन कार में केमिकल अटैक से सुरक्षा, नाइट विजन तकनीक, स्मोक स्क्रीन, टियर गैस जैसे उपकरण और तकनीक होती है। राष्ट्रपति 45 मिनट से ज्यादा खुले आसमान में नहीं रह सकते। हालांकि ओबामा दिल्ली में दो घंटे बैठे रहे थे। बीस्ट कार की बॉडी 5 इंच मोटी स्टील-टाइटेनियम-एलुमिनियम और सेरेमिक के मिश्रण से बनी होती है। दो या तीन कारें साथ चलने से किसी हमले की स्थिति में ये राष्ट्रपति वाली कार को सुरक्षा भी दे सकती हैं। इसे एक एक्स्ट्रा ढाल समझ लीजिए। इसके टायर कभी पंचर नहीं होते और ग्लास इतने मजबूत और मोटे होते हैं कि गोलियां अटक जाएंगी। कार में एक छोटा फ्रिज भी होता है जिसमें राष्ट्रपति के ग्रुप वाला ब्लड रखा होता है।
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साथ चलता है परमाणु मिसाइल का ब्रीफकेस
अमेरिका के राष्ट्रपति की बीस्ट कार में चलने की वजह उसका हर तरह की सुरक्षा से लैस होना है। अगर किसी कारणवश एक कार खराब होती है या कोई विषम परिस्थिति पैदा होती है तो दूसरी या तीसरी बीस्ट इस्तेमाल की जाएगी। इसी तरह एयरफोर्स वन प्लेन भी एक स्टैंडबाय में रहता है। राष्ट्रपति की बीस्ट में सेना का वह अफसर भी होता है जो अमेरिका के परमाणु मिसाइल को लॉन्च करने वाला ब्रीफकेस लेकर चलता है।
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10 मिनट की दूरी पर होता है अस्पताल का ट्रॉमा सेंटर
अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ हेलिकॉप्टर भी चलते हैं। सीक्रेट सर्विस के एजेंट होटल, एयरपोर्ट के आसपास इमर्जेंसी रूट भी तैयार रखते हैं। सीक्रेट सर्विस के लोग पक्का करते हैं कि राष्ट्रपति जहां रुके हों, वहां से अस्पताल का ट्रॉमा सेंटर 10 मिनट की दूरी पर हो। एक एजेंट अस्पताल के भी संपर्क में रहता है। जिस होटल में राष्ट्रपति रुकते हैं वहां पूरा फ्लोर खाली करा दिया जाता है। खिड़कियों पर भी बुलेट प्रूफ शील्ड लगाई जाती है। आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति का रसोइयां भी साथ चलता है। ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति का रूतबा दुनिया में देखते ही बनता है।