जयपुर। विधानसभा चुनाव दहलीज पर है ऐसे में सभी पार्टियों के द्वारा सभी खेमों को साधने तथा सेंध मारी करने की राजनीति चरम पर है। सभी एक दूसरे के गढ़ में जाकर चुनावी बिगुल बजा रहे है। किस नेता को सरकार की और से कितनी रफ्तार के साथ काम दिया जा रहा है। इससे इस बात का साफ अंदाजा लगाया जा सकता है, कि उसकी चुनावी अहमियत कितनी है। नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल को जाट हार्टलैंड कहा जाता है। बेनीवाल नागौर में चुनावों के दौरान भाजपा के साथ थे। इस बार कांग्रेस बेनीवाल को साधने में लगी हुई है।
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बेनीवाल को 22 करोड़ किए जारी
आरएलपी पार्टी के सुप्रीमों सांसद हनुमान बेनीवाल ने चुनावी मैदान में ताल ठोकने के साथ ही चुनाव प्रचार को गती दे दी है। अब ऐसे में कांग्रेस बेनीवाल को अपने पक्ष में करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। खदानों की रायल्टी से बने डिस्ट्रकक मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट से बेनीवाल को 22 करोड़ जारी किए गए है। साथ ही सरकार की और से बेनीवाल को 88 काम स्वीकृत किए गए है। सड़क निर्माण, स्कूलों में भवन निर्माण जैसे कई कार्य शामिल है।
पायलट गुट के विधायकों के हाथ खाली
नागौर में गहलोत खेमे के नेता व उपमुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी को 22 करोड़ दिये गए है। लाडनूं विधायक मुकेश भाकर को कुछ भी नहीं दिया गया है। परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया को भी कुछ नहीं दिया गया। दोनों ही विधायक पायलट गुट के है।
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आरएलपी ने उपचुनावों के दौरान चौंकाया
आरएलपी पार्टी की और से विधानसभा चुनावों में 58 सीटों पर प्रत्याशी मैदान में उतारे गए थे। जसमें से 3 प्रत्याशीयों ने जीत हासिल की थी। उपचुनावों के दौरान भी आरएलपी ने चौंकाया था। वल्लभनगर में दूसरी पार्टी बनी वहीं सुजानगढ़ में 20 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। बेनीवाल ने भाजपा के समर्थन में नागौर सांसद का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। विधानसभ चुनाव में बेनीवाल ने एक बार फिर से प्रत्याशी मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया है।