जयपुर। भद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को घर-घर मे गणेश स्थापना की धूम रहेगी। 10 दिन के गणेशोत्सव पर्व के दौरान बप्पा अपने भक्तों की बीच रहेंगे। 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। शुभ मुहूर्त पर गणेश स्थापना की जाएगी। 28 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दौरान गणेश जी की प्रतिमाएं विसर्जित की जाएंगी।
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300 सालों बाद बन रहे योग
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस साल जो गणेश चतुर्थी आ रही है, वह बहुत ही दुर्लभ संयोग बना रही है। इस बार 300 सालों बाद तीन योग बन रहे हैं। जिसमें से एक है ब्रह्म योग, दूसरा शुक्ल योग और तीसरा है शुभ योग। ये तीनों ही योग लगभग 300 साल बाद मिलकर दुर्लभ योग बना रहे हैं। शुक्ल योग में जितने भी जातक गणेश चतुर्थी में शामिल होते हैं, गणेशजी की आरती पूजन करते हैं, उनके घर में शुभ ही शुभ होता है। शुभ योग यानी गणेशजी के भक्तों के घरों में भी शुभ लाभ की स्थापना हो जाती है। आमदनी में बरकत अधिक और हानि कम होती है। घर में जो भी रहते हैं स्वस्थ रहते हैं।
स्थापना का शुभ मुहूर्त
गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह रहेगा। वैदिक पंचाग के अनुसार चतुर्थी तिथि की शुरूआत 18 सिंतबर को 2 बजकर 9 मिनट पर हो जाएगी। 19 सिंतबर को 3 बजकर 13 मिनट तक चतुर्थी रहेगी। उदया तिथि के अनुसार गणेश उतस्व 19 सिंतबर को आरंभ होगा।
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ब्रह्म योग: ब्रह्म योग में ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश तीनों शक्तियां एक साथ मौजूद रहती है।
शुक्ल योग: शुक्ल योग मे जातक गणेश चतुर्थी पर शामिल होते है तो घर में शुभ फल मिलता है।
शुभ योग: शुभ योग पर गणेश जी भक्तों के घरों में शुभ लाभ की स्थापना हो जाती है, आमदनी में बरकत तथा हानि कम होती है।