जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। चुनाव से पहले उठापटक का दौर भी जारी है। कद्दावर जाट नेता ज्योति मिर्धा ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर कमल का दामन थाम लिया है। ज्योति मिर्धा के भाजपा में शामिल होने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं जोरो पर है। हालांकी मिर्धा पर सबसे ज्यादा निशाना नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने साधा। भाजपा को ज्योति मिधार से उम्मीद भी है। भाजपा की नजर 10 विधानसभा सीटों पर टिकी हुई है। इस सीटों पर भाजपा को जीत की उम्मीद भी है।
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सीटों का साधने में लगी भाजपा
भाजपा नागौर, कुचामन, रासजसमंद, चूरू, झुंझुनू सहित आस पास की सीटों का साधने में लगी हुई है। अब देखना यह है, की क्या ज्योति मिर्धा भाजपा के लिए फायदेमंद साबित होगी। ज्योति मिर्धा 2009 से 14 तक कांग्रेस सांसद रही है। 2019 में हार का सामना भी करना पड़ा था। वही मिर्धा के दादा नाथूराम मिर्धा छह बार सांसद तथा चार बार विधायक रहे है। मिर्धा के भाजपा मे शामिल होने के बाद से ही भाजपा की नजर 10 जाट बाहुल्य सीटों पर है।
मिर्धा एक्टिव मोड
ज्योति मिर्धा की सास कृष्णा गहलोत भाजपा में महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुकी है। वही दादा नाथूराम जाट समुदाय के कद्दावर नेता रहे है। भाजपा नेता भैरोसिंह शेखावत ने मिर्धा के निधन के बाद बेटे भानु प्रकाश मिर्धा को टिकट दिया था। भाजपा में शामिल होने के बाद से ही ज्योति मिर्धा एक्टिव मोड पर है। पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है।
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बेनीवाल ने कहा मिर्धा से भाजपा को कोई फायदा नहीं
हनुमान बेनीवाल की मानें तो ज्योति मिर्धा से भाजपा को कोई फायदा नहीं मिलने वाला है। मिर्धा का जाट वोट बैंक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। हालांकी ज्योति मिर्धा भाजपा मे शामिल होने के बाद से ही लगातार नागौर तथा आसपास के क्षेत्र में जनसभाएं कर रही है।