धौलपुर। राजस्थान का आखिरी जिला धौलपुर की सियासत में हमेशा से उतार चढ़ाव देखने को मिला है। राजस्थान में विधानसभा चुनाव को देखते हुए बिछाई जा रही सियासी चौसर के बीच धौलपुर की राजनीति में भी तपिश बढ़ने लगी है। भाजपा व कांग्रेस के साथ ही सभी राजनीतिक दल जमीनी स्तर पर उतर कर माहौल तैयार करने में लगे हुए है। धौलपुर के बाड़ी विधानसभा सीट का राजनीति इतिहास हर बार नए रूप में नजर आता है।
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मलिंगा पिछले 15 साल से विधायकी का ताज पहने हुए
बाड़ी विधानसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस विधायकों का कब्जा रहता है। दूसरी और बसपा जैसी पार्टिया भी यहां खाता खोलने में कामयाब रही है। बाड़ी विधानसभा सीट पर कांग्रेस से गिर्राज सिंह मलिंगा विधायक हैं। मलिंगा पिछले 15 साल से इस सीट पर विधायकी का ताज पहने हुए है। 2008 में बसपा की टिकट पर मलिंगा ने जीत हासील की थी। राजनीति के पिच पर मलिंगा जीत की हैट्रिक मार चुकी है।
भाजपा, बसपा सहित दूसरे दल सरकार को घेरने की तैयारी में
इस बार फिर से मलिंगा इस सीट पर राजनीति का चौका लगाने की तैयारी में है। वहीं दूसरी और मलिंगा के विरोध में खड़े नेताओं ने भी पूरी ताकत के साथ सीट पर कब्जा करने के लिए फिल्डिंग जमाने में लगे हुए है। अगर दो दशक की बात करे तो इस विधानसभा सीट पर भाजपा कांग्रेस तथा बसपा तीनों को मौका मिला है। कांग्रेस इस बार जनकल्याणकारी योजनाओं की बदौलत राजस्थान की राजनीति का रिवाज बदलने का दावा कर रही है। वहीं दूसरी और भाजपा, बसपा सहित दूसरे दल कर्जमाफी, पेपर लिक, महिला अत्याचार जैसे मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी में जुटे हुए है।
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मलिंगा को पटखनी देने की हर संभव प्रयास
गिर्राज सिंह मलिंगा ने 2008 में राजनीतिक करियर की शुरूआत की थी। तत्कालीन समय पर बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़ा और कांग्रेस के दिग्गज नेता विधायक दलजीत सिंह तथा भाजपा के जसवंत सिंह को हराकर हर किसी को चौंका दिया। इस जीत के बाद मलिंगा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और जीत का परचम लहराते गए। 2008 में मलिंगा ने गहलोत सरकार का समर्थन देकर कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। जिसके बाद से ही बसपा मलिंगा को पटखनी देने की हर संभव प्रयास कर रही है।
विधानसभा चुनावों से त्रिकोणीय मुकाबला
बाड़ी विधानसभा में 3 विधानसभा चुनावों से त्रिकोणीय मुकाबला रहा है। माली, राजपूत तथा गुर्जर समाज का चुनावों में सबसे ज्यादा दखल रहता है। माली तथा गुर्जर समाज के लाग हमेशा से मैदान में उतरते रहे है। गुर्जर तथा माली समाज का प्रत्याशी से सीधा मुकाबला मलिंगा को भारी पड़ सकता है। भाजपा के कद्दावर नेता तथा पूर्व प्रधान पूरन सिंह गुर्जर भी इस बार दावेदारी ठोक रहे है। ऐसे में देखना यह होगा की क्या इस बार मलिंगा जीत हासिल करने में कामयाब होंगे या फिर अन्य दल सेंध मारी करने में कामयाब।