जयपुर। दुनिया भर में कई वैध और अवैध मिशन को अंजाम देने वाला चीन इस बार अपने ही बनाए जाल में फंस गया है। पीला सागर में चीन का एक परमाणु पनडुब्बी समुद्र की तलहटी में चीन द्वारा ही बनाए गए चेन एंड एंकर ट्रैप में फंस गया। इस ट्रैप में लगभग 6 घंटे तक ये सबमरीन फंसा रहा। इस दौरान 55 अफसरों की मौत हो गई। ब्रिटेन की खुफिया एजेंसियों ने समंदर की गहराइयों में चीन की हरकतों को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट के अनुसार चीन ने पीला सागर में अपने दुश्मन देशों की पनडुब्बियों को फंसाने और छकाने के लिए एक किस्म का अवरोधक बनाया है जिसे चेन एंड एंकर ट्रैप के नाम से जाना जाता है।
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लेकिन दुश्मन के लिए बनाए गए इस ट्रैप में कुछ हफ्तों पहले चीन का एक न्यूक्लियर पनडुब्बी फंस गया। इस घटना में चीन को व्यापक हानि हुई है। ब्रिटेन की एक बेहद खुफिया रिपोर्ट के अनुसार पानी के अंदर चीन में इस न्यूक्लियर पनडुब्बी के फंसने से चाइनीज नेवी के 22 ऑफिसर, 7 ऑफिसर कैडेट, 9 पेटी ऑफिसर्स, और 17 दक्ष नाविकों की मौत हो गई। इस तरह से इस घटना में चीन के कुल 55 सैन्यकर्मियों की मौत हो गई है।
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अब ये जान लिजिए आखिर चेन और एंकर ट्रैप होता क्या है, जिसमें चीन का न्यूक्लियर पनडुब्बी फंस गया। दरअसल चेन और एंकर ट्रैप समंदर की तलहटी में पनडुब्बियों को तबाह करने वाला एक उपकरण है। इसमें एक भारी चेन होती है जो दो एंकरों के बीच लटकी होती है, जिन्हें समुद्र के तल पर बिछा दिया जाता है। चेन को आमतौर पर धातु की गेंदों या अन्य वस्तुओं से भारी बनाया जाता है, और यह कई मील लंबी हो सकती है। जब एक पनडुब्बी चेन और एंकर ट्रैप से टकराती है, तो वह आसानी से इस चेन में उलझ सकती है। चेन का वजन पनडुब्बी के पतवार और प्रोपेलर को नुकसान पहुंचा सकता और यह पनडुब्बी को हिलने से भी रोकता है। कुछ मामलों में,पनडुब्बी को चेन द्वारा समुद्र के तल तक भी खींचा जा सकता है।
घटना से किया इनकार
फिलहाल चीन ने हमेशा की तरह 21 अगस्त 2023 की इस घटना से इनकार किया है। ब्रिटेन की टॉप क्लास खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि चाइनीज नेवी के ऑफिसरों की मौत की वजह सबमरीन (पनडुब्बी) के ऑक्सीजन सिस्टम में आई खराबी थी। इस तकनीकी खराबी की वजह से पानी के अंदर फंसे सबमरीन का पूरा वातावरण दमघोंटू हो गया है। इस वजह से सैन्यकर्मियों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाया और उनकी मौत हो गई।ब्रिटेन के अखबार द मिरर में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार इस दुर्घटना में मरने वालों में चाइनीज पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी नेवी के बमरीन संख्या 093-417 के कैप्टन भी शामिल थे।
खास बात यह है कि जब ये घटना हुई तो चीन ने इससे साफ इनकार कर दिया। यही नहीं चीन ने कथित रूप से पनडुब्बी में फंसे नौसैनिकों क रेस्क्यू के लिए किसी भी तरह की विदेशी सहायता लेने से भी इनकार कर दिया। चीन का ये सबमरीन 15 साल से सर्विस में है। बेटेन की खुफिया एजेंसी ने इस घटना के बारे में लिखा है, 21 अगस्त को स्थानीय समयानुसार 08:12 बजे पीला सागर में एक मिशन के रान एक जहाज पर दुर्घटना हुई, जिसके परिणामस्वरूप 55 चालक दल के सदस्यों की मृत्यु हो गई, जिनमें 22 अधिकारी, 7 अधिकारी डेट, 9 छोटे अधिकारी और 17 नाविक शामिल थे। मृतक कैप्टन कर्नल जू योंग-पेंग थे।
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रपोर्ट में आगे लिखा गया है, "ऐसा माना जाता है कि इनकी मौत पनडुब्बी पर हाइपोक्सियों के कारण हुई थी। ये स्थिति सिस्टम फेल्योर के कारण पैदा हुई थी। रिपोर्ट के अनुसार ये पनडुब्बी चीनी नौसेना की ओर से अमेरिकी और दूसरे देशों की पनडुब्बियों को फंसाने के लिए स्तेमाल की जाने वाली से टकरा गई. इससे इस पनडुब्बी का सिस्टम खराब हो गया। इसकी मरम्मत और पनडब्बी को फिर से सतह पर लाने में 6 घंटे लग गए. इस दौरान जहाज का ऑक्सीजन सिस्टम भयावह रूप से खराब हो गया। बीजिंग ने इस घटना के बारे में अटकलों को पूरी तरह से गलत बताया है और ताइवान ने भी इंटरनेट रिपोर्टों का खंडन किया है। लेकिन यूके का दावा है की उसकी ये रिपोर्ट रक्षा खुफिया जानकारी पर जारी की गई है।