जयपुर। इजरायल ने अब हमास (Israel Hamas War) का समर्थन करने वाले लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह (Lebanese Terrorist Organization Hezbollah) पर भी बम बरसाना शुरू कर दिया है। हिजबुल्लाह ने इजराइल को धमकी दी है कि वो अब इजराइल से निर्णायक युद्ध लड़ने जा रहा है। इजरायल अभी गाजा पट्टी में एक्टिव आतंकी संगठन हमास (Terrorist Organization Hamas) के खिलाफ बड़ा मिलिट्री एक्शन (Israel Military Action) कर रहा है। ऐसे में लेबनान सीमा पर हिजबुल्लाह द्वारा मोर्चा खोलना उसका ध्यान भटकने की कोशिश है।
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लेबनाम का आतंकी संगठन है हिजबुल्लाह
हिजबुल्लाह लेबनान स्थित शिया मुस्लिमों का आतंकी संगठन (Terrorist Organization of Shia Muslims) है। हिजबुल्लाह 1982 में अस्तित्व में आया था, तब इजरायल दक्षिणी लेबनान पर आक्रमण किया। हिजबुल्लाह की स्थापना आधिकारिक रूप से 1985 में की गई थी। उसी समय से हिजबुल्लाह के आतंकी लड़ाके इजरायल पर हमले (Hezbollah Israel War) करते रहे हैं। वहीं, इजरायल भी हिजबुल्लाह जवाब देता रहा है। हिजबुल्लाह के घोषणापत्रों के मुताबिक उसका उद्देश्य सशस्त्र संघर्ष के जरिये इजरायल को खत्म करने के साथ ही अमेरिकी वर्चस्व (American supremacy) और पूंजीवादी ताकतों (Capitalist Power) को खत्म करना है। हिजबुल्लाह संगठन के पास 45,000 आतंकवादी है जिनमें से 20,000 एक्टिव हैं और 25,000 रिजर्व हैं।
सुन्नियों मुस्लिमों का भी कट्टर दुश्मन है हिजबुल्लाह
आपको बता दें कि सन् 1943 में लेबनान में शिया, सुन्नी और ईसाइयों के बीच राजनीतिक समझौता किया गया था। इस समझौते के तहत सुन्नी मुसलमान (Sunni Muslim) को प्रधानमंत्री, ईसाई को राष्ट्रपति और शिया मुस्लिम को संसद स्पीकर का पद दिया गया। इस समझौते के तहत लेबनान का प्रधानमंत्री (Lebanon Prime Minister) केवल सुन्नी मुस्लिम ही बन सकता था। यह समझौता करीब 25 साल तक चला लेकिन फिलिस्तीन से सुन्नी मुसलमानों के लेबनान आने पर वहां धार्मिक समीकरण (Religious Equation) बिगड़ने लगे और शियाओं लेबनान की सत्ता से बेदखल होने का डर सताने लगा।
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1975 में शिया और सुन्नियों के बीच हो चुका है भीषण गृहयुद्ध
1975 में लेबनान में शिया और सुन्नी मुस्लिमों के बीच भीषण गृहयुद्ध (Civil War between Shia and Sunni Muslims) शुरू हो चुका है। इस दौरान फिलीस्तीनी लड़ाकों ने मौके का फायदा उठाकर दक्षिणी लेबनान से इजरायल पर हमले किए थे। इसकी जवाबी कार्रवाई करते हुए इजराइल ने 1978 में लेबनान के कई हिस्सों पर कब्जा कर लिया था। उसी दौर में 1979 में शिया मुस्लिम बहुल ईरान में सरकार (Iran Government) बदल गई और उसने लेबनान में कमजोर पड़े शिया मुस्लिमों को हथियार मुहैया कराना शुरू कर दिया। इस वजह से लेबनान में फिर से शिया मुस्लिम मजबूत (Shia Muslim Power) हो गए और उन्होंने लेबनान पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया।
हिजबुल्लाह के पास इतने हथियार हैं
इजरायली डिफेंस फोर्सेज (Israeli Defense Forces) के मुताबिक प्रति वर्ष हिजबुल्लाह को करीब 70 करोड़ डॉलर से ज्यादा का फंड मिलता है। इसमें सबसे बड़ा हिस्सा ईरान देता है। ईरान हिजबुल्लाह को हथियार, सैन्य ट्रेनिंग और खुफिया जानकारी भी देता है। हिजबुल्लाह के शस्त्रागार में 120000 से 130000 मिसाइलें जमा हैं। ये मिसाइलें लंबी दूरी की मिसाइलें भी हैं और पूरे इजरायल तक मार कर सकती हैं। इसके साथ ही आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के पास एंटी टैंक मिसाइलें, दर्जनों ड्रोन, एंटी शिप मिसाइलें, एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलें तथा एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम भी हैं।
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