Phalodi Sata Bajar ही नहीं बल्कि साइबेरियन सारस के लिए भी विश्व प्रसिद्ध है। फलौदी के खींचन बर्ड सेंचुरी में हर साल प्रवासी पक्षी Siberian Crane यानि कुरजां आते हैं। यहां पर सर्दियों के मौसम में डेमोइसेल क्रेन का कलरव अपनी चरम सीमा पर रहता है। ये मेहमान अगस्त के अंतिम सप्ताह में आना शुरू होते हैं और कई महीनों तक यहां रहते हैं।
फलोदी सट्टा बाजार का बड़ा ऐलान! राजस्थान में इस पार्टी की बनेगी सरकार
Phalodi Sata Bajar भी प्रसिद्ध
आपको बता दें कि Phalodi Sata Bajar राजस्थान और भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां पर राजनीति से लेकर खेलों और अन्य कई घटनाओं पर सट्टे लगाए जाते हैं जो बिल्कुल सटीक उतरते हैं। आपको बता दें कि फलौदी सट्टा बाजार में अमेरिका, जापान, जर्मनी, कनाड़ा आदि तक के चुनावों के लिए दांव लगाए जाते हैं। यहां सट्टे की भविष्यवाणी पूरी दुनिया में फेमस है।
Phalodi Satta Bajar: कहां है फलोदी का सट्टा बाजार?
Phalodi में हर साल आते हैं Siberian Crane
फलोदी में हर साल हजारों की संख्या में कुरजां पक्षी खींचन गांव में आते हैं और मौसम के बदलने के साथ उनकी संख्या भी बढती जाती है। ये सभी मेहमान पक्षी जत्थे के रुप में आते है। ये पक्षी अपने पड़ाव स्थल पर उतरने से पहले गांव के ऊपर कई चक्कर लगाकर सटीक पड़ाव स्थल की पहचान करते है। इसके बाद एक-दो दिनों में ये उस स्थान उतर जाते है। साइबेरियन सारस एकांतप्रिय, शर्मीले मिजाज के होते हैं रूस के साइबेरिया इलाके से हजारों किलोमीटर की दूरी तय करके यहां आते हैं।
फलोदी सट्टा बाजार ने 2013 और 2018 के राजस्थान चुनाव में किया था सटीक दावा!
Phalodi Sata Bajar ही नहीं नमक उद्योग भी प्रसिद्ध
आपको बता दें कि फलौदी केवल अपने सट्टा बाजार और साइबेरियन सारसों के लिए नहीं बल्कि नमक उद्योग के लिए भी विश्व प्रसिद्ध है। यहां पर स्थित झील से नमक निकाला जाता है। फलोदी जिले में नमक के कई कारखाने हैं जहां हजारों की संख्या में लोग काम करते हैं।
Phalodi Sata Bajar ही नहीं नमक नगरी है, जानिए और क्या खास है