जयपुर। महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) द्वारा सवाल पूछने के लिए पैसे की वजह से संसद सदस्यता खत्म कर दी गई है। इसको लेकर मोइत्रा ने पलटवार किया है। उन्होंने इसको साजिश बताया है। जबकि भाजपा ने बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है।
मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश हुआ
आपको बता दें कि सवाल पूछने के बदले पैसे लेने के की वजह से लोकसभा में आज केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया था। इसको सदन की तरफ से ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई। मोइत्रा को सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली आचार समिति ने लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की थी।
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मोइत्रा ने दी ये सफाई
महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने संसद सदस्यता जाने पर कहा कि मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं थे। उन्होंने कहा की लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट ने नियम तोड़े हैं। उन पर आचार संहिता के उल्लंघन का दोष लगाया गया। उन पर नकदी या गिफ्ट का कोई सबूत नहीं, आचार समिति ने मुद्दे की जांच किए दोषी ठहराने का फैसला कर लिया।
बचाव में उतरी ममता बनर्जी
Mahua Moitra पर हुए इए एक्शन को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी बीच में कूद पड़ी है। उन्होंने कहा कि वो मोइत्रा के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि हम मोइत्रा के साथ हैं। गणतंत्र के अधिकारो का हनन किया गया। उन्होंने कहा कि मुझे लगा कि इस बात पर पीएम मोदी रवैया सही होगा, परंतु ऐसा नहीं हुआ। पूरी संसद के लिए ये दुख भरा दिन है। इतना ही नहीं बल्कि कांग्रेस सासंद अधीर रंजन चौधरी ने भी मोइत्रा का समर्थन किया।
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सभी सांसदों के लिए सीख
भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने यह कहा कि मोइत्रा का निष्कासन सभी सांसदों के लिए एक सीख है। उन्होंने कहा की सांसद बनने पर हम संविधान की शपथ लेते हैं। इसमें कुछ नियमों का पालन करना होता है। मोइत्रा के इस मामले में नैतिकता नहीं थी। ऐसे में जो कुछ भी हुआ वो रिपोर्ट सभी पक्षों को सुनने के बाद पेश की गई। और उनका निष्कासन किया गया।