Sanjeevani Cooperative Society Scam: दिल्ली की विशेष कोर्ट ने 'संजीवनी घोटाले' में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह और परिवारजनों के खिलाफ बयानबाजी में गहलोत की रिवीजन याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने माना है कि ACMM Court का समन जारी करने का 6 जुलाई का आदेश सही है। इसके बाद अब राजस्थान के पूर्व CM Ashok Gehlot के खिलाफ निचली अदालत में सुनवाई शरू होगी। आरोप साबित होने पर गहलोत पर सजा-जुर्माना हो सकता है।
क्या है संजीवनी कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाला?
'संजीवनी कोऑपरेटिव सोसायटी' की शरुआत बाड़मेर से हुई। इसकी 237 शाखाएं देशभर में खोली गईं। इसकी राजस्थान में 211 एवं गुजरात में 26 शाखाएं हैं। सोसायटी की कई ब्रांच खोलकर फर्जी कंपनियों को लोन बांटे गए। राजस्थान में 1,46,991 निवेशकों से 950 करोड़ से अधिक की ठगी की गई। लेखा पुस्तकों में 1100 करोड़ रुपये के ऋण दिखाए गए। बोगस ऋणों की संख्या करीब 55 हजार है। औसत ऋण प्रति व्यक्ति करीब 2 लाख है।
कुल ऋण करीब 1100 करोड़ रुपये का दर्शाया गया है। एसओजी की पड़ताल के दौरान कई गिरफ्तारियां हुईं और हजारों खाते जांच में फर्जी साबित हुए। इस घोटाले के मास्टर माइंड और सोसाइटी के पहले मैनेजिंग डायरेक्टर विक्रम सिंह की गिरफ्तारी (MD Vikram Singh Arrested) हो चुकी है।
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मास्टर माइंड से शेखावत कनेक्शन
बताया जाता है कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत संजीवनी घोटाले के मास्टर माइंड और मुख्य आरोपी विक्रम सिंह के नजदीकी हैं। सोशल मीडिया पर दोनों की इथोपिया तस्वीरें भी वायरल है। पीड़ितों के मुताबिक भी कंपनी में निवेश के समय केंद्रीय मंत्री शेखावत का नाम प्रमुखता ही से लिया गया था।
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