जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनावों में विजयी हुए विधायकों ने अपने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। इस दौरान कई विधायकों की शपथ चौंकाने वाली रही तो कईयों की हरकतों ने लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। जिन विधायकों की हरकतों ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया उनमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी रहे। क्योंकि इन लोगों ने अपने बाजू में काली पट्टी बांधकर विधायक पद की शपथ ली है।
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गहलोत-पायलट ने इसलिए बांधी काली पट्टी
विधायक पद की शपथ लेने के लिए अशोक गहलोत और सचिन पायलट समेत कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने अपने बाजू पर काली पट्टी बांध रखी थी। हालांकि, सदन की कार्यवाही खत्म होने के बाद जब सचिन पायलट बाहर निकले तो उनसे पत्रकारों ने काली पट्टी बांधने की वजह पूछ ली। इस पर पायलट ने कहा कि उन्होंने कहा- ‘पिछले दिनों में जो घटना संसद में हुई वो सबके सामने है। संपूर्ण विपक्ष ये इस मांग पर अड़ा था कि सरकार पिछले दिनों संसद में हुई घटना पर अपना बयान दे। उसके बाद लगभग पूरे विपक्ष को लोकसभा और राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया। आज विधानसभा में काली पट्टी बांधकर आने का मतलब विरोध था। संसद से एकसाथ 130 से 140 सांसद निलंबित किए जाएं तो ये लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। सांसदों को निलंबित करके सदन के बाहर करने का क्रम जारी है।’
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लोकतंत्र की हत्या हो गई- पायलट
विधानसभा की कार्यवाही के बाद सचिन पायलट टोंक पहुंचे जहां उन्होंने कहा कि देश मे लोकतंत्र की हत्या हो रही है। पायलट ने पेपर लीक मामले में SIT के गठन पर कहा कि मैने भी आवाज उठाई थी यह अच्छा कदम है, परंतु सरकार को इस मामले में राजनैतिक द्वेषता से कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। हालांकि, राजस्थान कांग्रेस में बदलाव और स्वयं की जिम्मेदारी के प्रश्न पर पायलट ने कहा जल्द ही यहां भी जिम्मेदारियां तय की जाएंगी। AICC द्वारा नई जिम्मेदारियां तय की जाएंगी।