जयपुर। एक सांसद ने मोमोज खाने के बाद ठेले वाले को पैसे दिए या नहीं इसको लेकर मुख्यमंत्री ने सवाल पूछ लिया। इसके बाद जवाब सुनकर हर कोई हैरान रह गया। यह मामला उत्तरप्रदेश का है जहां 20 दिसंबर को CM योगी आदित्यनाथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और यूपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी गोरखपुर के एनेक्सी भवन में मौजूद थे। यहां पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान लाभार्थियों से मुख्यमंत्री की बात चल रही थी।
योगी आदित्यनाथ ने पूछा ठेले वाले से सवाल
जब UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मोमोज का ठेला लगाने वाले से पूछा कि क्या सांसद रवि किशन आपकी दुकान पर आए थे और उन्होंने मोमोज खाने के बाद पैसे दिए या नहीं? इसके बाद दुकानदार ने जो जवाब दिया वो हर किसी को चौंकाने वाला था। ठेले वाले का जवाब सुनकर हर कोई हैरान रह गया क्योंकि उसका जवाब सीधे तौर पर सांसद की ईमानदारी से जुड़ा हुआ था। इस माहौल में सीट पर बैठे रवि किशन के चेहरे की हवाईयां उड़ गई। योगी आदित्यनाथ का यह वीडियो वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
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सीट से खड़े हो गए सांसद रवि किशन
यह मौका विकास भारत संकल्प यात्रा के तहत सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने और जानकारी देने का था। दरअसल, 20 दिसंबर को BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और यूपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी गोरखपुर के एनेक्सी भवन पहुंचे थे। यहां पर आयोजित एक कार्यक्रम में लाभार्थियों से सीएम का संवाद चल रहा था। सीएम ने लाभार्थियों से योजनाओं के बारे में जानकारी ली और किसी भी समस्या या दिक्कत के बारे में पूछा। जुबली चौराहे पर मोमोज का ठेला लगाने वाले अमरदीप से योगी ने पूछा कि आपके यहां मोमोज खाने कौन आया था। इस पर अमरदीप ने रवि किशन की ओर इशारा किया। फिर सीएम ने हंसते हुए पूछा की सांसद जी ने मोमोज खाने के बाद पैसे दिए थे या नहीं। यह सुनकर हर कोई हंस पड़ा। फिर क्या था रवि किशन भी अपनी सीट से उठ खड़े हुए और ठेले वाले से कहा कि बताओ न कि पैसे दिए थे या नहीं। इस अमरदीप ने जब हां बोला तो रवि किशन की सांस में सांस आई और हंसते हुए सीट पर बैठ गए।
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योगी ने खत्म की मुस्लिम महिला की पीड़ा
इस कार्यक्रम के दौरान बहुत से लाभार्थी वहां ऐसे भी मौजूद थे जिन्हें आवास मिला, लोन मिला या फिर उज्ज्वला योजना, वे सभी सीएम से बात करते हुए भावुक दिखे। इस दौरान वहां पहुंची हुमा नाम की एक मुस्लिम महिला ने बताया कि उसके पिता और भाई नहीं हैं। वह अपनी वृद्ध मां और 3 बहनों के साथ झोपड़ी बनाकर रहती थी। योगी जी की कृपा से जब उन्हें घर मिला तो आज सर पर छत है, हम सभी आराम से रह रहे हैं। यह कहते हुए हुमा का गला भर आया, लेकिन वो खुश थी।