Aaj ki Hadees 18 April 2024 : नबी-ए-क़रीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की कही गई बातों को ही हदीस कहा जाता है। बेशक आखिरी रसूल हजरत मुहम्मद मुसत्फा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बाद अब कोई नबी नहीं आयेगा। इस्लाम में कुरान शरीफ के बाद हदीसे पाक को ही खास दर्जा दिया गया है। अल्लाह के हबीब ने जो कह दिया वह हक है और होकर रहता है यही मुसलमानों का ईमान है। हम आपको जुमेरात गुरुवार के दिन आज की हदीस (Aaj ki Hadees 18 April 2024) बताने जा रहे हैं। ये हदीस विरासत को बांटने पर आधारित है। इस्लाम में विरासत (Islam Me Virasat) को उसके सभी हिस्सेदारों में सही तरह से बांटने का हुक्म है। किसी के साथ मां बाप की जायदाद को लेकर कोई नाइंसाफी नहीं होनी चाहिए। उम्मीद करते हैं कि हमारी ये नई कोशिश आज की हदीस (Aaj ki Hadees) आपको पसंद आएगी। रब हमें इसकी जजा अता फरमाएँ।
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आज की हदीस, जुमेरात गुरुवार के दिन नबी का फरमान
(Aaj ki Hadees 18 April 2024)
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया है कि
“माल (विरासत) को किताबुल्लाह के मुताबिक हक़ वालों के दर्मियान तकसीम करो।”
संदर्भ – सहीह बुखारी मुस्लिम: ४१४३
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विरासत को बांटने का सुन्नत तरीका
नबी ए पाक का इर्शाद है कि अगर किसी इंसान का इन्तेकाल हो जाए और उस ने माल छोड़ा हो, तो उस को तमाम हक वालों के दर्मियान तकसीम करना वाजिब है, बगैर किसी शरई उजर के किसी संतान या वारिस को महरूम करना या अल्लाह तआला के बनाए हुए हिस्से से कम देना जाइज नहीं है। अल्लाह हमें भी अपनी विरासत (Islam Me Virasat) को वारिसों में सही से तकसीम करने की तौफीक अता फरमाएं। खासकर बुजुर्ग मुसलमानों के बीच में ये पोस्ट जमकर शेयर करें।
नोट (Disclaimer)
ये तमाम हदीस सहीह बुखारी मुस्लिम (Sahih Bukhari Muslim Hadith) से संदर्भ के तौर पर हिंदी में अनुवादित की गई है। हमारा मकसद किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है। लेकिन अगर फिर भी हमसे कोई कमी पेशी गलती होती है तो अल्लाह के वास्ते हमें माफ करें।