World War 3: दुनियाभर में तीसरे विश्व युद्ध की सुगबुगाहट अब तेज हो चुकी है। रूस-यूक्रेन, इजरायल-हमास और अब ईरान-इजरायल के बीच भीषण जंग छिड़ चुकी है। दूसरी तरफ अमेरिका और रूस जैसी महाशक्तियां भी लगातार इन देशों को सतर्क कर रही है और चेतावनी को नजरअंदाज करने पर अंजाम भुगतने की धमकी भी दे रही है। इस बीच जो देश सबसे अलग रुख अपना कर बैठा है, वो है भारत, जो सिर्फ शांति की बात कर रहा है।
भारत देश हमेशा से ही शांति का पक्षधर रहा है। हमारे धर्म-शास्त्रों में लिखा है कि,जब कलयुग का अंत निकट होगा तो भगवान विष्णु का 10वां अवतार कल्कि धरती पर अवतरित होगा। सनातन धर्म में इस अवतार के जन्म, वाहन, अस्त्र-शस्त्र और कई चीजों के बारे में बताया गया है, लेकिन भगवान कल्कि का स्वभाव कैसा होगा, इस बारे में ठीक से उल्लेखित नहीं है। यहां हम कल्कि भगवान् की राशि अनुसार उनके स्वभाव के बारे में जानेंगे। चलिए जानते है।
मकर राशि में जन्म लेंगे भगवान कल्कि!
राशिचक्र के अनुसार, जिस भी व्यक्ति का नाम ‘क’ अक्षर से शुरू होता है, उसकी राशि ‘मकर’ होती है। मकर राशि बारह राशियों के समूह में 10वीं है, जिसका स्वामी शनि ग्रह है। मकर राशि के लोग अधिक महत्वाकांक्षी, गंभीर और अपने कार्य के प्रति समर्पित रहते है। मकर राशि को त्याग और बलिदान का प्रतीक माना गया है। ज्योतिष अनुसार, जो भी व्यक्ति पिछले जन्म में बलिदान देता है, वह अगले जन्म में ‘मकर राशि’ में पैदा होता है।
भगवान विष्णु का कलयुग से पहले अवतार ‘कृष्ण’ था, जोकि द्वापरयुग में अवतरित हुआ था। नाम अनुरूप तो यह अवतार भी ‘मकर राशि’ में हुआ। उस युग में कृष्ण स्वरुप में विष्णु ने राक्षसराज कंस का अंत कर लोगों को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलवाई थी। इसके अलावा महाभारत के युद्ध में अन्याय और अधर्म के खिलाफ युद्ध में पांडवों का साथ देकर कौरवों की सेना का अंत किया था। वहीं, कौरवों की मां गांधारी के श्राप की वजह से कृष्ण युग का भी अंत हुआ।
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मकर राशि के जातकों का स्वभाव
इस राशि के जातक मितव्ययी, नीतिज्ञ, विवेक बुद्धियुक्त, विचारशील, व्यावहारिक बुद्धि वाले होते है। ये जातक नायक की भूमिका निभाने में निपुण होते है। ये लोग असाधारण सहनशीलता, धैर्य और स्थिर प्रवृत्ति के होते है, जिस वजह से बाद संगठन बनाने में सफल रहते है। राशि स्वामी शनि की कृपा से ये लोग ईमानदार, सजग और विश्वसनीय प्रवृति के होते है। ये जातक उपहास (मजाक उड़ाने वाले) पसंद नहीं होते है। इनका शुभ रंग लाल, नीला और सफेद है।
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तीसरे विश्व युद्ध में कल्कि अवतार की भूमिका?
कल्कि अवतार को कलयुग के अंत का काल बताया गया है। तमाम भविष्यवाणियों के आधार पर तीसरे विश्व युद्ध की आंच भारत तक पहुंचने में अभी भी कई वर्ष निकल जाएंगे। इस बीच खाड़ी देशों और इस्लामिक देशों के बीच कई सभ्यताओं का सर्वनाश होना संभावित है। कलयुग अंत आने में अभी कई वर्षों का इंतजार बाकी है, ऐसी स्तिथि में भगवान कल्कि के आने में लंबा समय बाकी है। मौजूसा परिप्रेक्ष्य में कल्कि अवतार पर कोई भविष्यवाणी सामने नहीं आई है।