Ganeshji ke Upay: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया गया था। इस दिन सामाजिक परंपराओं के अनुसार घरों तथा मंदिरों में गणपति प्रतिमा की स्थापना की जाती है, जिन्हें अनंत चतुर्दशी के दिन किसी पवित्र सरोवर, नदी या समुद्र में विसर्जित कर दिया जाता है। गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक के समयकाल में गणेशोत्सव मनाया जाता है। यदि इस समय आप कुछ विशेष बातों का ध्यान रखें तो निश्चित रूप से आप सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं। जानिए इन बातों के बारे में
करें गणपति की आराधना
यदि आपके जीवन में किसी भी प्रकार की कोई समस्या आ रही है तो इस समयकाल में गणपति आराधना से आपके सभी कष्ट दूर हो जाएंगे। आपको अधिक कुछ करने की आवश्यकता नहीं है, केवल मात्र गणेश गायत्री मंत्र के अनुष्ठान से भी आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
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ग्रहों की शांति के निमित्त करें उपाय (Ganeshji ke Upay)
सनातन धर्म की परंपराओं में गजानन गणेश को पंचदेवों में एक माना गया है जो मोक्ष एवं भोग दोनों के दाता है। शास्त्रों में उनके बहुत से उपाय बताए गए हैं। यदि किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में कोई भी ग्रह अशुभ असर दे रहा है तो गणेशजी के उपाय करने से सभी ग्रह शुभ फल देने लगते हैं।
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कालसर्प दोष की शांति के लिए करें उपाय
गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक के समयकाल को धार्मिक कार्यों के लिए अत्यन्त शुभ माना जाता है। ऐसे में इस समय कालसर्प दोष की शांति के लिए किए गए उपायों का फल भी तुरंत ही मिलता है। अतः आप भी कालसर्प दोष शांति के उपाय करवा सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष की पारंपरिक मान्यताओं तथा शास्त्रों से ली गई है एवं पाठकों की सूचना मात्र के लिए दी जा रही है। Morning News India इसकी पुष्टि नहीं करता है। यहां दिए गए उपायों अथवा सुझावों को आजमाने से पहले किसी एक्सपर्ट की राय अवश्य लें।