Jaipur Aaj Ka Panchang 23 February 2024: हिंदू कैलेंडर के अनुसार 23 फरवरी, शुक्रवार को विक्रम संवत 2080, माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी – पूर्णिमा तिथि रहेगी। शुक्रवार को सूर्योदय सुबह 6.57 बजे तथा सूर्यास्त सायं 6.24 बजे होगा। चंद्रोदय सायं 5.26 बजे होगा। जानिए इस दिन बनने वाले शुभ-अशुभ योगों के बारे में
कल चतुर्दशी तिथि दोपहर 3.33 बजे तक रहेगी, तत्पश्चात् पूर्णिमा तिथि आरंभ होगी। चन्द्रमा दिन भर सायं 7.25 बजे तक कर्क राशि में एवं उसके बाद सिंह राशि में रहेगा। शुक्रवार को सायं 7.25 बजे तक अश्लेषा नक्षत्र और उसके बाद मघा नक्षत्र रहेगा। शिव का वास कल दोपहर 3.33 बजे तक भोजन तथा उसके उपरांत श्मशान में रहेगा। अग्नि का वास दोपहर 3.33 बजे तक आकाश एवं उसके बाद पाताल में रहेगा। पश्चिम दिशा में शूल रहेगा।
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पूरे दिन रहेंगे ये शुभ चौघड़िया और मुहूर्त (Jaipur Aaj Ka Choghadiya)
पंचांग के अनुसार शुक्रवार को रवि योग बन रहा है जो समस्त शुभ कार्यों में प्रशस्त माना गया है। दोपहर 12.18 बजे से 1.03 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। सुबह 6.57 बजे से सायं 7.25 बजे तक रवि योग रहेगा। अमृत काल सायं 5.39 बजे से 7.25 बजे तक, विजय मुहूर्त का समय दोपहर 2.35 बजे से 3.20 बजे तक रहेगा।
शुभ कार्य करने के लिए दिन में सुबह 8.23 बजे से 9.49 बजे तक लाभ का चौघड़िया (Jaipur Aaj Ka Panchang 23 February 2024) रहेगा। दोपहर 12.41 बजे से दोपहर 2.06 बजे तक शुभ का चौघड़िया रहेगा। सभी अत्यावश्यक कार्य शुक्रवार को इन शुभ मुहूर्त एवं चौघड़िया में किए जा सकेंगे। जो कार्य पहले से चल रहे हैं, उन्हें करते रहने में कोई समस्या नहीं है।
राहुकाल (Jaipur Aaj Ka Panchang 23 February 2024)
यमगंड योग दोपहर 3.32 बजे से 4.58 बजे तक रहेगा। अहोरात्रि गंडमूल योग रहेगा। राहुकाल का समय सुबह 11.15 बजे से 12.40 बजे तक रहेगा। दोपहर 3.33 बजे से अगले दिन सुबह 4.45 बजे तक भद्रा भी रहेगी जो शुभ कार्यों के लिए अशुभ बताई गई है। इनके अतिरिक्त भी अन्य सभी प्रकार के अशुभ योगों एवंचौघड़ियाों को भी टाल कर ही शुभ कार्य करना उपयुक्त रहेगा।
उपाय (Shukrawar Ke Upay)
शुक्रवार को भगवती लक्ष्मी की पूजा एवं आराधना का वार बताया गया है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से समस्त मनोरथ पूर्ण होते हैं और घर में अथाह धन के भंडार भर जाते हैं। जिनकी जन्मकुंडली में शुक्रजनित दोष हों, उन्हें शुक्रवार का व्रत एवं मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए। यथासंभव गायों को भोजन कराएं तथा जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, दवाएं आदि दान करें। इससे समस्त प्रकार के दोष दूर होते हैं।