Jaipur Aaj Ka Panchang 28 February 2024: वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार बुधवार 28 फरवरी 2024 को विक्रम संवत 2080, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि रहेगी। कल द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी व्रत भी रहेगा। सूर्योदय का समय सुबह 6.53 बजे तथा सूर्यास्त सायं 6.27 बजे रहेगा। चंद्रोदय का समय रात्रि 9.46 बजे रहेगा। जानिए बुधवार को कौन-कौनसे शुभ-अशुभ मुहूर्त रहेंगे और उनमें क्या कर पाएंगे
चन्द्रमा रात्रि 9.00 बजे तक कन्या राशि में तथा उसके बाद तुला राशि में रहेगा। सुबह 7.33 बजे तक हस्त एवं उसके बाद चित्रा नक्षत्र रहेगा। शिव का वास पूरे दिन-रात्रि कैलाश पर्वत पर रहेगा। अग्नि का वास पूरे दिन-रात्रि पृथ्वी पर रहेगा। दक्षिण-पश्चिम दिशा में राहुकाल का वास एवं उत्तर दिशा में शूल रहेगा।
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पूरे दिन रहेंगे ये शुभ चौघड़िया और मुहूर्त (Jaipur Aaj Ka Panchang 28 February 2024)
ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार फाल्गुन कृष्ण चतुर्थी पर बहुत से शुभ मुहूर्त बन रहे हैं जिनमें आप किसी भी मांगलिक कार्य को कर पाएंगे। सुबह 6.53 बजे से 7.33 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा जो समस्त शुभ कार्यों के लिए मंगलदायक है। इसके अतिरिक्त अमृतकाल अर्द्धरात्रि बाद 3.13 बजे से 5.00 बजे तक एवं विजय मुहूर्त का समय दोपहर 2.35 बजे से 3.21 बजे तक रहेगा।
मांगलिक कार्य करने के लिए पंचांग के अनुसार शुभ चौघड़िया देखकर कार्य किया जा सकता है। दिन में सुबह 6.53 बजे से 9.46 बजे तक क्रमशः लाभ एवं अमृत के चौघड़िया रहेंगे। सुबह 11.13 बजे से दोपहर 12.40 बजे तक शुभ का चौघड़िया एवं सायं 5.00 बजे से 6.27 बजे तक लाभ का चौघड़िया रहेगा। रात्रि 8.00 बजे से 11.06 बजे तक क्रमशः शुभ एवं अमृत का चौघड़िया रहेंगे। इस प्रकार इन सभी मुहूर्तों में आप सभी मांगलिक एवं शुभ कार्य कर पाएंगे।
राहुकाल (Jaipur Aaj Ka Panchang, Rahukaal)
राहुकाल का समय दोपहर 12.40 बजे से 2.06 बजे तक रहेगा। यमगंड योग सुबह 8.19 बजे से 9.46 बजे तक एवं दूर्मुहूर्त योग दोपहर 12.16 बजे से 1.03 बजे तक रहेगा। इनके अतिरिक्त रोग, काल एवं उद्वेग के चौघड़ियों में भी समस्त मांगलिक कार्य करने की मनाही की गई है।
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उपाय (Budhwar Ke Upay)
ज्योतिष में गणपति का वार बुधवार को बताया गया है। इस दिन गजानन की आराधना करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति के समस्त कष्ट दूर होते हैं। यदि जन्मकुंडली में राहु और केतु अशुभ फल दे रहे हों तो गणेशजी की कृपा से वे भी शुभ फल देने लगते हैं। साथ ही इस दिन को बुध ग्रह की अनुकूलता के लिए भी उत्तम बताया गया है। अतः बुध की शांति अथवा उसे उन्नत करने के लिए भी बुधवार को पूजा-पाठ आदि किए जाते हैं।