Jyotish Tips: इस बार आषाढ़ माह का कृष्ण पक्ष 15 दिन के बजाय 13 दिन का ही होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 23 जून से 5 जुलाई के बीच दो तिथियों का क्षय होने के कारण यह दुर्लभ स्थिति बन रही हैा माना जाता है कि इस तरह का संयोग बनना देश और दुनिया में युद्ध, प्राकृतिक आपदाएं और महान संकटों का कारण बनता है। महाभारत का युद्ध भी इसी तरह के ज्योतिषीय संयोग में लड़ा गया था।
इन दो तिथियों का हुआ क्षय
डॉक्टर उरुक्रम शर्मा के अनुसार इस बार यानि विक्रम संवत 2081 में आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष में प्रतिपदा और चतुर्दशी तिथि घट रही है। सामान्य रूप से कृष्ण और शुक्ल पक्ष में 15 दिन अथवा 14 दिन होते हैं। परन्तु ग्रहों की गणना के चलते दो तिथियां घट कर केवल 13 दिन का ही पक्ष हो जाता है।
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13 दिनों का पक्ष लाता है भयावह संकट
शास्त्रों में भी कहा गया है, ‘सहस्त्रयां चैवयोत्पजायते, त्रयोदश दिने पक्ष स्तदा संहरते जगत्।’ अर्थात् दैव योग से कई एक युगों में 13 दिन का पक्ष आता है जो प्रजा के लिए संहारकारक सिद्ध होता है। जब कभी ऐसा संयोग बनता है तब देश और दुनिया में महान संकट आते हैं। इसकी वजह से प्रजा को रोग, महंगाई, युद्ध एवं प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है।
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पहले बने संयोगों में घटी थी ये घटनाएं
बीसवीं सदी में भी 1999 में ऐसा ही संयोग बना था जब कारगिल युद्ध हुआ और भारी तबाही हुई थी। इसके पूर्व 1962 में बने संयोग में भारत-चीन युद्ध हुआ था। वर्ष 1937 में यही संयोग बनने पर भयावह भूकंप आया था जिसमें हजारों की मृत्यु हो गई थी। महाभारत काल में कौरव-पांडव युद्ध भी ऐसे ही एक संयोग में लड़ा गया था जब लाखों की संख्या में सेनाएं मारी गईं।
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