Kharmas kab hai: हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार गुरुवार 14 मार्च को सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर रहा है। इसके साथ ही खरमास आरंभ हो जाएगा और 13 अप्रैल तक खरमास रहेगा। इस समयकाल में विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन, जनेऊ जैसे मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है।
ज्योतिषाचार्य डॉक्टर उरुक्रम शर्मा के अनुसार सूर्य ग्रह जब गुरु की राशि धनु अथवा मीन राशि में विचरण करता है तो उस समयकाल को खरमास कहा जाता है। इस समय समस्त प्रकार के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है यद्यपि पूजा-पाठ एवं धार्मिक कर्मकांड किए जा सकते हैं। कुछ धार्मिक अनुष्ठान तो विशेष रूप से इसी समय किए जाते हैं।
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धार्मिक मान्यताओं में कहा जाता है कि खरमास के दौरान सूर्य देव देवगुरु बृहस्पति की सेवा में रहते हैं। ऐसे में उनका आह्वान नहीं किया जा सकता है जबकि हिंदू धर्म में सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों में पंच देव गणपति जी, भगवान भोलेनाथ, श्रीहरि, मां दुर्गा एवं सूर्यदेव की आराधना की जाती है। इस प्रकार सूर्य देव की अनुपस्थिति से मांगलिक कार्य अधूरा ही रह जाता है।
इस माह में गुरुमंत्र अथवा इष्टदेव के मंत्र का जप अनुष्ठान करना चाहिए। रुद्राभिषेक तथा विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी किया जा सकता है। ग्रहों के निमित्त किए जाने वाले पूजा-पाठ व अन्य धार्मिक कर्मकांड भी खरमास में किए जा सकते हैं।
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