Kumbh Sankranti 2024 : भगवान सूर्य को ग्रहों का राजा कहा जाता हैं। सूर्य हर महीने राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्य का यह गोचर संक्रांति कहलाता है। हाल ही में जनवरी महीने में ‘मकर सक्रांति’ निकली थी। इसके बाद अब फरवरी में सूर्य मकर से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं। सूर्य का यह गोचर भी बेहद खास रहने वाला हैं। 30 साल बाद शनि स्वराशि कुंभ में विचरण कर रहे हैं, और यह कुंभ राशि शनि की राशि है। इससे कई फर्क दिखाई देंगे।
सूर्य का कुंभ राशि में प्रवेश करना, इस राशि में सूर्य और शनि की युति बना रहा हैं। ऐसी स्तिथि में ‘कुंभ संक्रांति’ बनती हैं, और इस दिन यदि कुछ उपाय किये जाए, तो नौकरी-व्यापार में सूर्य और शनि दोनों की कृपा होगी। चलिए जानते हैं विस्तार से –
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कब है कुंभ संक्रांति?
पंचांग अनुसार कुंभ संक्रांति 13 फरवरी 2024 को हैं। 13 फरवरी की दोपहर 03 बजकर 54 मिनट पर सूर्य कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। इस अवसर पर स्नान-दान और सूर्य को अर्घ्य देने का बड़ा महत्व माना गया हैं। आप इस दिन तिल का दान कर सकते हैं, जिससे शनि दोष से राहत मिलती है।
कुंभ संक्रांति पुण्य काल
कुंभ संक्रान्ति पुण्य काल – सुबह 09:57 – दोपहर 03:54, अवधि – 05 घण्टे 56 मिनट
कुंभ संक्रान्ति महा पुण्य काल – दोपहर 02:02 – दोपहर 03:54, अवधि – 01 घण्टा 51 मिनट
इस तरह मिलेगा लाभ ही लाभ
कुंभ संक्रांति (Kumbh Sankranti 2024) के दिन सूर्य देव की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि, सौभाग्य और सफलता मिलती है। शरीर निरोगी रहता है। इस दिन दान-पुण्य करने से जीवन में तरक्की के मार्ग प्रशस्त होते हैं। कुंभ संक्रांति के दिन कुछ न कुछ जरूर करें, ऐसा करने से कुंडली में सूर्य मजबूत होता है। ऐसा होने पर करियर में ऊंचा पद प्राप्त होता है। पिता का प्यार और सहयोग मिलता है और राजनीति में सक्रिय लोगों को विशेष लाभ होता हैं।
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कुंभ संक्रांति पर क्या करें ?
- – कुंभ संक्रांति के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें.
- – गंगा स्नान करें या गंगाजल युक्त पानी से नहाएं।
- – सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए जल में गंगाजल और काले तिल मिलाएं।
- – मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- – सूर्य के 108 नामों का जाप करें और सूर्य चालीसा का पाठ करें।
- – कुंभ संक्रांति पर गेहूं, गुड़, लाल फूल, लाल वस्त्र, तांबा, तिल आदि का दान करें।