Mahashivratri Rudraksha Niyam Hindi: महाशिवरात्रि का पर्व 8 मार्च, शुक्रवार को मनाया जाएगा। हिंदुओं की आस्था का यह पर्व बड़े धूम-धाम से सेलिब्रेट किया जाता हैं। इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा विधि-विधान से की जाती हैं। शिवभक्त इस दिन भोले बाबा को अपने-अपने तरीके से खुश करने का प्रयास करते हैं। कुछ शिव भक्त इस दिन पवित्र रुद्राक्ष धारण करते हैं, लेकिन इसे धारण करने से पहले कुछ सावधानियां रखना जरुरी है। जानते है-
धार्मिक ग्रंथो के अनुसार भगवान शिव का ही अंश रुद्राक्ष है। इसे धारण करने के लिए शिवरात्रि से बेहतर कोई दिन नहीं हो सकता हैं। मानयता के अनुसार, रुद्राक्ष को धारण करने के लिए अमावस्या, पूर्णिमा, सावन का सोमवार और शिवरात्रि का दिन सबसे उत्तम रहता हैं। शास्त्रों के अनुसार रुद्राक्ष को गले या कलाई में धारण करना सही रहता हैं। यदि नियम के हिसाब से रुद्राक्ष को धारण करें तो भोले बाबा के साथ-साथ माता पार्वती का आशीर्वाद भी मिलता हैं।
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रुद्राक्ष धारण में करें यह मंत्र जाप
(Rudraksha Dharan Mantra)
शास्त्रों को जानने वाले कहते है कि, रुद्राक्ष धारण करने से पहले उसे दूध अथवा सरसों के तेल में अच्छी तरह साफ कर लेना चाहिए। इसके बाद जब उसे धारण किया जाये, तो भगवान शिव के अमोघ मंत्र का जाप करना जरुरी होता हैं।
शिव जी के कुछ अमोघ मंत्र-
- ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय
- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्
- ॐ नमः शिवाय शुभं शुभं कुरू कुरू शिवाय नमः ॐ
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इन बातों का ध्यान रखना जरुरी-
- रुद्राक्ष को हाथ में धारण कर रहे हैं तो काले धागे में कभी भी नहीं पहनें।
- किसी को उपहार के रूप में रुद्राक्ष देना गलत माना गया हैं।
- न ही रुद्राक्ष को किसी को देना चाहिए और ना ही लेना चाहिए।
- रुद्राक्ष धारण करके मांस मदिरा का सेवन करना महापाप माना गया हैं।
- रुद्राक्ष को कभी भी शमशान घाट पर पहनकर नहीं जाना चाहिए।
- नवजात के जन्म के दौरान भी रुद्राक्ष धारण करने से बचना चाहिए।
- महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान रुद्राक्ष नहीं धारण करना चाहिए।
- समय-समय पर रुद्राक्ष को गंगाजल से साफ कर शुद्धता बनाकर रखनी चाहिए।