Panchak 2024: भारतीय ज्योतिष में पंचक और भद्रा को अशुभ माना गया है। विद्वान कहते हैं कि पंचक और भद्रा में कभी भी कोई शुभ या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए अन्यथा हानि होने की संभावना रहती है। वैदिक ज्योतिष की गणना के अनुसार अगले पंचक 2 मई 2024 (गुरुवार) को दोपहर 2.32 बजे आरंभ होंगे और 6 मई 2024 (सोमवार) को सायं 5.43 बजे समाप्त होंगे।
क्या होते हैं पंचक
वैदिक ज्योतिष में पूरे अंतरिक्ष को सत्ताइस नक्षत्रों और बारह राशियों में बांटा गया है। सभी 28 नक्षत्रों और 12 राशियों को अलग-अलग नाम भी दिए गए हैं। जब चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र में विचरण करता है तो उसे ही पंचक कहा जाता है। ये पांचों नक्षत्र कुंभ और मीन राशि में माने गए हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में गुजरता है तो कुछ समय के लिए पंचक की घटना होती है।
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क्यों अशुभ माने गए हैं पंचक
धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं के अनुसार पंचकों को शुभ नहीं माना गया है। इस समय जो भी कार्य किए जाते हैं, वे सभी निष्फल होते हैं और व्यक्ति का अलग-अलग तरह से नुकसान करवा सकते हैं। माना जाता है कि इस समय जो भी घटना होगी, वह बार-बार होगी, इसीलिए हानि देने वाली घटनाओं को टाला जाता है। विशेषकर पंचक के दौरान मृत्यु होने पर मृतक के अंतिम संस्कार को टालने के लिए विशेष कर्मकांड किए जाते हैं ताकि घर में अन्य किसी की मृत्यु न हो।
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पंचक में भूलकर भी न करें ये कार्य
प्रत्येक 28 दिनों में एक बार पंचक लगता है। उस दौरान सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्यों को टालना ठीक रहता है। पंचकों में घर की नींव रखना या छत डालना, नए घर में गृह प्रवेश, नई जॉब की शुरूआत, यज्ञोपवीत संस्कार, नया व्यापार आरंभ करना, विद्या आरंभ करना आदि कार्य नहीं करने चाहिए। ऐसा नहीं करने पर हानि हो सकती है।