Sheetla Mata Basoda 2024 Date: राजस्थानी लोकपर्व बास्योडा इस बार शीतला अष्टमी के बजाय शीतला सप्तमी के दिन ही मनाया जाएगा। रांधा-पुआ के लिए रविवार का दिन निश्चित किया गया है और रविवार को ही शीतला माता को चढ़ाए जाने वाले पकवान बनेंगे। ज्योतिषीय सिद्धांतों के कारण ही इस बार ऐसा होगा।
कब है शीतला अष्टमी 2024
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को शीतलाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार अष्टमी एक अप्रेल 2024 को रात्रि 9.09 बजे से आरंभ होगी और इसका समापन अगले दिन रात्रि 8.08 बजे होगा। हिंदू धर्म में उदय तिथि का महत्व होने के कारण ऐसे में शीतला अष्टमी 2 अप्रेल को ही मनाई जाएगी। परन्तु दो अप्रेल को मंगलवार होने की वजह से शीतला माता की पूजा एक दिन पहले सोमवार को ही की जाएगी।
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इसलिए एक दिन पहले मनेगी शीतला अष्टमी
ज्योतिष में मंगलवार को गर्म वार तथा सोमवार को ठंडा वार माना गया है। शीतलाष्टमी मंगलवार को आने की वजह से इस दिन पूजा नही हो पाएगी, यही वजह है कि इस बार शीतला माता की पूजा एक दिन पहले यानि सोमवार एक अप्रेल को की जाएगी। इस दिन अष्टमी भी रात्रि में ही आरंभ हो जाएगी। जबकि रांधा पुआ पर्व रविवार को मनाया जाएगा। रविवार को ही माता के लिए पकवान बनाए जाएंगे जिनका अगले दिन भोग लगेगा।
माता की पूजा में गर्म पकवान तथा अग्नि का नहीं होता प्रयोग
शीतला माता का स्वभाव शीतल माना गया है। यही वजह है कि उनकी पूजा में अग्नि तत्व अथवा गर्म वस्तुओं का पूरी तरह से परहेज किया जाता है। उनकी पूजा में दीपक या अगरबत्ती भी नहीं जलाई जाती है, न ही उन्हें गर्म और ताजा पकवानों का भोग लगता है।
शास्त्रों में मंगलवार को गर्म स्वभाव वाला और सोमवार को ठंडे स्वभाव वाला वार बताया गया है। इसी वजह से मंगलवार को माता को भोग नहीं लगाकर एक दिन पूर्व भोग लगाया जाएगा। चाकसू शील की डूंगरी स्थित शीतला माता मंदिर में भी इस बार मेला एक अप्रेल, सोमवार को ही भरेगा।
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चेचक जैसी बीमारियों से बचाता है शीतला माता का व्रत
शीतला माता को खसरा और चेचक जैसी महामारियों का नियंत्रक माना गया है। इस वजह से बहुत से लोग शीतलाष्टमी को व्रत भी करते हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति के घर-परिवार में किसी को भी ये रोग नहीं होते हैं।