जयपुर। Solar Eclipse Effect : आज यानि 8 अप्रैल को साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण है। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण मोक्ष मीन राशि और रेवती नक्षत्र में लग रहा है। यह साल 2010 के बाद लगने वाला सबसे लंबा सूर्य ग्रहण है। यह 21वीं सदी का एकमात्र पूर्ण सूर्यग्रहण है जो पूर्णता में 3 देशों में देखा जा रहा है जिनमें मेक्सिको, अमेरिका और कनाड़ा शामिल है। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इस वजह से इसका भारत में सूतक काल भी मान्य नहीं है। हालांकि, आप इस अद्भुत खगोलीय घटना को देखने का आनंद NASA की वेबसाइट अथवा उसके NASA YouTube चैनल के जरिए देख सकते हैं।
यदि किसी बच्चे का जन्म सूर्यग्रहण या चंद्र ग्रहण के दौरान होता है तो उसका व्यक्तित्व और भविष्य अन्य बच्चों की तुलना में अलग ही होता है। माना जाता है कि जब बच्चे का जन्म होता है तब उसका जन्म समय उसके भविष्य का निर्धारण करता है। किसी भी महीने में जन्म लेने वाले बच्चे अलग तरह के होते हैं। इसी तरह अगर किसी बच्चे का जन्म ग्रहण के दौरान होता है तो उसका भविष्य और स्वभाव आम बच्चों से अलग हो सकता है।
ज्योतिषियों के अनुसार जिन बच्चों का जन्म ग्रहण के दौरान होता है उनमें जन्म से ही लीडरशिप के गुण पाए जाते हैं। ये बच्चे हमेशा प्रत्येक क्षेत्र में आगे ही रहते हैं। ग्रहण के दौरान जन्मे बच्चे पहली सांस लेते ही गर्भ से ही आध्यात्मिक योद्धा के रूप में काम करते हैं। इसी स्वभाव के कारण वो हमेशा आगे बढ़ते रहते हैं। ऐसे बच्चे कभी हार नहीं मानते और हमेशा एक विजयी के रूप में सामने आते हैं। बच्चों का ग्रहण की अवधि के दौरान जन्म लेना एक आशीर्वाद की तरह होता है। सूर्य ग्रहण के समय जन्म बच्चे आत्मविश्वास से भरपूर होते हैं। क्योंकि इनमें राहु के साथ के गुण भी आ जाते हैं। अमावस्या तिथि में जन्मे बच्चे की कुंडली में सूर्य और चंद्र एक ही घर में बैठे होते हैं। उसके प्रभाव से इस दौरान जन्म लेने वाला बच्चा हमेशा विश्वास से भरपूर होने के साथ हमेशा सकारात्मक विचारों से भरपूर होता है। इतना ही नहीं बल्कि ग्रहण में जन्मे बच्चे रचनात्मक भी होते हैं।
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हालांकि, ग्रहण के दौरान जन्म लेने वाले बच्चों को जीवन में कुछ परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। सूर्य ग्रहण के दौरान जन्में बच्चों को बचपन में समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है, लेकिन उनकी युवावस्था पर इसका थोड़ा सा प्रभाव पड़ता है। ज्योतिष के अनुसार इस दौरान जन्म लेने वाले बच्चों के लिए गंडमूल पूजा करने के लिए कहा जाता है। ऐसे बच्चों को कुछ सेहत से जुड़ी परेशानियां भी हो सकती हैं। ऐसे बच्चों को जीवन में कुछ चुनौतियों का सामना भी करना पड़ सकता है। हालांकि, किसी भी समस्या से ये अपने मनोबल के जरिये बाहर निकल सकते हैं।
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर में ही रहे जाने की सलाह दी जाती है। माना जाता है कि यदि वो घर से बाहर निकलती हैं तो बच्चा खंड तालु अर्थात कटी हुई तालु लेकर पैदा हो सकता है। यह एक विचारणीय प्रश्न है कि सूर्य ग्रहण के दौरान जितने भी बच्चे होंगे क्या वे खंड तालु लेकर ही पैदा होंगे? इस कथन की सत्यता की जानकारी के लिए शोध करने की आवश्यकता है।
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