Surya Grahan 2024: इस बार केवल 15 दिनों में दो ग्रहण होने के कारण यह वर्ष बहुत ही अनोखा रहने वाला है। ज्योतिष के अनुसार इन दोनों ग्रहणों का देश और दुनिया पर व्यापक असर होने वाला है। इसके साथ ही एक अन्य विशेष खगोलीय घटना भी घटने वाली है।
पूर्णिमा से अमावस्या के बीच दो ग्रहण
पहला ग्रहण 25 मार्च (फाल्गुन पूर्णिमा एवं घुलंडी) पर चंद्र ग्रहण के रूप में हुआ था। यह ग्रहण अमरीका और अफ्रीका सहित कई देशों में देखा गया था। हालांकि भारत सहित एशिया के अधिकांश हिस्सों में यह ग्रहण दृश्य नहीं था। दूसरा ग्रहण 8 अप्रेल 2024 को अमावस्या के दिन हो रहा है। यह ग्रहण भी अमरीका, मैक्सिको सहित दुनिया के लगभग 55 से अधिक देशों में दिखाई देगा।
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3 घंटों का होगा सूर्य ग्रहण
वैज्ञानिकों के अनुसार 8 अप्रैल को होने वाला सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार रात्रि 10.08 बजे से 1.25 बजे तक (3 घंटे 16 मिनट) होगा। भारत और एशिया में उस समय रात्रि होने के कारण ग्रहण नहीं दिखाई देगा। अलग-अलग देशों में ग्रहण के दिखने की अवधि भी अलग-अलग रहेगी, यथा अमरीका में 40 मिनट 43 सेकेंड तथा कनाडा़ में 34 मिनट 4 सेकेंड का ग्रहण होगा।
इस दिन चंद्रमा होगा पृथ्वी के सर्वाधिक नजदीक
सूर्य ग्रहण के दिन ही एक और विशेष घटना भी घटने जा रही है। इस दिन चंद्रमा पृथ्वी से निकटतम दूरी पर होगा। उस दिन चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी मात्र 3 लाख 60 हजार किलोमीटर होगी। इस वजह से उस दिन चंद्रमा भी अन्य दिनों के मुकाबले ज्यादा बड़ा दिखाई देगा।
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देश और दुनिया के लिए कैसे रहेंगे ग्रहण
पौराणिक मान्यताओं और किंवदंतियों में ग्रहणों को विशेष महत्व देते हुए इन्हें अशुभ बताया गया है। इस वर्ष केवल 15 दिनों के अंतर में हो रहे दोनों ग्रहण दुनिया के लिए भीषण संकेत लेकर आ रहे हैं। आने वाले समय में आतंकी गतिविधियां और प्राकृतिक आपदाएं देखने को मिल सकती हैं। आगजनी और आपराधिक वारदातों में भी बढ़ोतरी संभव है। विशेष रुप से जिन देशों में ये ग्रहण दिखाई देंगे, उन्हें भविष्य में सतर्क रहने की आवश्यकता है।