फर्जी जीएसटी नंबर बनाने वालों का पर्दाफाश करने के लिए केंद्र और राज्य ने विशेष अभियान चलाया है। इस 2 महीने के अभियान के तहत फर्जी जीएसटी नंबर के जरिए बिजनेस करने वाले लोगों पर नजर रखी जा रही है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के चेयरमैन विवेक जौहरी ने कारोबारियों से अपील की कि वे जीएसटी में पंजीकरण अवश्य कराएं। इससे आपको ही लाभ होगा।
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केंद्र और राज्य की ओर से चलाए जाने वाले इस अभियान के तहत फर्जी कारोबारियों पर लगाम कसी जा रही है। इससे बोगस कंपनियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई में बड़ी सफलता मिली है। जीएसटी अधिकारियों ने इस विशेष अभियान के जरिए 9,000 फर्जी जीएसटीआईएन वाले करीब 304 सिंडिकेट का खुलासा किया है। इन कंपनियों ने फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के जरिये 25,000 करोड़ का दावा किया था।
जीएसटी के कारण केंद्र और राज्य दोनों को ही लाभ हुआ है। जीएसटी के बाद किसी भी राज्य को राजस्व का नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन 6 साल पूरे होने के बाद भी केवल 1.39 लाख कारोबारी इसमें पंजीकृत हैं। जीएसटी दिवस पर एक कार्यक्रम में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के चेयरमैन विवेक जौहरी ने जीएसटी में पंजीकरण कराने के लिए अपील की है। उन्होनें बताया कि कॉरपोरेट इनकम टैक्स देने वाले केवल 40 फीसदी लोग जीएसटी के तहत पंजीकृत हैं।