Political dispute between India and Canada: भारत और कनाडा के बीच राजनीतिक विवाद (Political Dispute) गर्माता जा रहा है। दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को भी निष्काषित कर दिया है। यही नहीं, कुछ व्यापार सौदे (Vyapar Sauda) जो होने थे, उन्हें भी फिलहाल की स्तिथि को देखते हुए ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। दोनों देशों के बीच बिगड़ती स्तिथि ने काफी तनाव पैदा कर दिया है। ऐसे में इसका दोनों देशों की आम जनता (Aam Janta) पर कितना असर होने वाला है। आपको हम बता रहे है।
दोनों देशों के बीच व्यापार (India-Canada Business) काफी लंबे समय से चल रहा है। दोनों एक-दूसरे के साथ काफी मात्रा में आयात-निर्यात करते रहे है। लेकिन आज की बिगड़ती स्तिथि में दोनों देशों के बीच भविष्य के व्यापार (Future Business Deals) सौदों पर तलवार लटक चुकी है। व्यापार क्षेत्र में दोनों देश एक-दूसरे के लिए काफी अहम जगह रखते है।
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दोनों देशों के बीच व्यापार की स्तिथि
इन्वेस्ट इंडिया की रिपोर्ट (Invest India Report) के आधार पर बात करते है। जिसके हिसाब से अप्रैल 2000 से मार्च 2023 तक लगभग 3,306 मिलियन डॉलर के कुल निवेश के साथ कनाडा, भारत में 18वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक (Foreign Investors) है। भारत के अंदर कनाडा का निवेश कुल FDI का लगभग 0.5 प्रतिशत है।
साल 2022 में भारत, कनाडा का 9वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार (Business Partner) था। दोनों देशों के बीच वित्त वर्ष 2021-22 में 7 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। वही मौजूदा वित्त वर्ष (2022-23) के शुरुआती 6 महीनों में दोनों देशों के बीच 8.16 अरब डॉलर का व्यापार हो चुका है। भारत में फिलहाल 600 से कनाडाई कंपनियां (Canadian Companies) काम कर रही हैं। इसके अलावा 1,000 से ज्यादा कनाडाई कंपनियां भारतीय बाजार (Bhartiya Bazar) में अपना कारोबार कर रही हैं।
भारत, कनाडा को क्या बेचता है-
हीरे-जवाहरात, बहूमूल्य रत्न, दवाईयां, उपभोक्ता वस्तुएं, गारमेंट्स, इंजीनियरिंग उत्पादों जैसे ऑटो पार्ट्स, विमान उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं और कृषि और बागबानी से जुड़े उत्पाद। ऐसे में दोनों देशों के बीच व्यापार सौदे रुके तो कनाडा के आमजन की नौकरी-धंधे पर बेहद बुरा असर होगा।
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कनाडा, भारत को क्या बेचता है-
दाल, न्यूजप्रिंट, कोयला, फर्टीलाइजर, दालें, पोटाश, लकड़ी, माइनिंग प्रोडक्ट और एल्युमीनियम जैसे सामान। इन सब में सबसे अधिक 'दाल' की खरीददारी भारत द्वारा की जाती है। ऐसे में यदि दोनों देशों के बीच व्यापार रुका तो भारत में लोगों को टमाटर, प्याज के बाद अब 'दाल' के दाम भी रुलाने वाले है।
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