Digital Tasbeeh: रमजान का महीना चल रहा है। डिजिटल इस दौर में मुस्लिम बंधु भी पूरी तरह से टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने लग गए हैं। अब तक आपने नमाजी के हाथ में मोतियों की माला देखी होगी जिसे तस्बीह कहते हैं। लेकिन अब आपको बार बार मोतियों को फेरने की मशक्कत नहीं उठानी पड़ेगी। क्योंकि इस बार रमजान-उल-मुबारक में डिजिटल तस्बीह खरीदारों की पहली पसंद बन चुकी है। थोक बाजारों के साथ ऑनलाइन मार्केट में भी डिजिटल तस्बीह खूब खरीदी जा रही है। बैटरी से चलने वाली इस Digital Tasbeeh को कलाई पर बांधकर या जेब में बड़ी आसानी से रखा जा सकता है। इसमें डिस्प्ले भी लगा है, जिस पर जिक्र की गिनती दिखती रहती है। हम आपको अमेज़ॉन पर मौजूद सबसे सस्ती डिजिटल तस्बीह के बारे में बता रहे हैं। इसकी कीमत सौ रूपये से भी कम है।
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असल में तस्बीह मुसलमानों की 100 मोतियों की माला को कहा जाता है। इसके तीन हिस्से होते हैं। पहले दो हिस्से 33-33 दानों को दो बार (सुब्हानअल्लाह व अलहम्दुलिल्लाह) पढ़ा जाता है, जबकि आखिरी भाग में 34 बार (अल्लाहू अकबर) कहकर अल्लाह को याद किया जाता है। अक्सर दाने गिनने में भूल-चूक हो सकती है, लेकिन डिजिटल तस्बीह से गिनती में गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं रहती। एतेकाफ में बैठने वाले तस्बीह का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं। एतेकाफ रमजान की एक खास इबादत को कहते हैं, जिसमे कोई एक इंसान 21 से 30 रमजान तक मस्जिद में कुछ दिनों तक दुनिया से अलग होकर तन्हाई में मौला की इबादत करता है।
Amazon पर आपको ये डिजिटल तस्बीह मात्र 94 रुपये में मिल जाएगी। जी हां, यकीन नहीं हो रहा है ना। एडवैल कंपनी की ये बैटरी से चलने वाली Digital Tasbeeh कई रंगों में उपलब्ध है। कलाई पर बांधने के लिए हाथ घड़ी की तर्ज पर ही इस Digital Tasbeeh में भी मुलायम पट्टी दी गई है। रिसेट बटन को दबाकर आप तस्बीह को वापस जीरो पर ला सकते हैं। रमजान में अपने यारों रिश्तेदारों को ये तस्बीह तोहफे में देकर आप उन्हें सरप्राइज दे सकते हैं। खासकर युवा मुस्लिमों को ये डिजिटल इस्लामिक तोहफा काफी पसंद आएगा।
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हर नमाज के बाद 33 33 बार सुब्हानअल्लाह व अलहम्दुलिल्लाह पढ़ते है जबकि 34 बार अल्लाहू अकबर पढ़ते है। इससे पूरी 100 की तस्बीह हो जाती है। इसके अलावा जिक्र में नबी पर दुरूद भी पेश किया जाता है। रमजान में अल्लाह के नाम का जाप करने पर आम दिनों की तुलना में ज्यादा पुण्य मिलता है। इसी कारण सौ दानों वाली तस्बीह को गिनकर लोग सवाब कमाते हैं। लेकिन तस्बीह के मोती अंगुलियों से आगे खिसकाते समय चूक हो जाती है। Digital Tasbeeh इसी खामी को दूर करती है।
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