Jaipur ka Galicha : वीरों की धरती राजस्थान अपनी शौर्यगाथाओं के लिए आज भी पूरी दुनिया में मशहूर है। अपने मज़बूत इरादों के साथ ही तलवारों और भालों से दुश्मन के छक्के छुड़ाने में माहिर राजस्थान में प्राचीन काल से ही हस्तकला को प्रोत्साहन दिया जाता रहा है। तभी तो जयपुर में कई तरह की कलाएं फलती फूलती रही है। राजस्थान की हस्तकलाएँ स्पेशल स्टोरी सीरीज में हम आपको आज पिंकसिटी जयपुर की नायाब कला गलीचा उद्योग (Jaipur ka Galicha) के बारे में बताने जा रहे हैं। मामूली से दिखने वाले फर्श को अर्श जितनी बुलंदी और खूबसूरती प्रदान करने में एक कालीन का सबसे अहम योगदान होता है। कालीन के ही एक विशेष रूप को फ़ारसी ज़बान में गलीचा (Rugs in Jaipur) कहा जाता है। तो चलिए जयपुर के गलीचों की दास्तान जान लेते हैं। राजस्थान की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बंदे ये पोस्ट जरूर शेयर करें। खास तौर पर आरएएस परीक्षा की तैयारी करने वालों के लिए ही हम ये सीरीज लेकर आए हैं।
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सूत और ऊन के ताने-बाने लगाकर गलीचे की बुनाई की जाती है। बुनाई में धागा जितना बारीक और गांठें जितनी ज्यादा होगी, गलीचा (Jaipur ka Galicha) उतना ही बेहतरीन तैयार होगा। जयपुर का गलीचा सदियों से पूरी दुनिया में मशहूर है। इराक के राजा द्वारा महाराजा जयसिंह को तोहफे में दिया गया खूबसूरत गलीचा आज भी अल्बर्ट हॉल के म्यूजियम (Big carpet in Jaipur’s Albert Hall Museum) की शोभा बढ़ा रहा है, जिस पर बड़ी ही खूबसूरती से एक बगीचे (The Safavid ‘garden’) का चित्रण किया गया है। जयपुर का गलीचा अपनी ख़ास बनावट के लिए भी जाना जाता है।
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इतनी दुर्लभ कला होने के बावजूद वक्त की मार और आधुनिकता की चमक के चलते जयपुर का गलीचा उद्योग धीरे धीरे खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है। गलीचा उद्योग को सरकारी संरक्षण की दरकार है। जिन गलीचों के आकर्षक डिजाइन देखकर ही लोग हैरत में पड़ जाते थे, लाखों रुपयों के ऐसे गलीचे (Jaipur ka Galicha Challenges) पिछले कुछ सालों से धूल फांकने लगे हैं। कोरोना काल ने इस उद्योग की कमर तोड़कर रख दी। ऑनलाइन मार्केट ने भी गलीचा उद्यमियों को खासा नुकसान पहुंचाया है। किसी ज़माने में ये नायाब गलीचे राजा महाराजाओं के दरबार की शान बढ़ाते थे। अगर इस अद्भुत कला को सरकारी योजनाओं को लाभ मिलना शुरू हो जाएँ तो पूरी दुनिया में एक बार फिर जयपुर के गलीचों का मखमली अंदाज़ नए कीर्तिमान स्थापित कर सकता है।
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राजस्थान की भजनलाल सरकार (Bhajanlal Sarkar Rajasthan) ऐसी विषम परिस्थितियों में भी लगातार कोशिश कर रही है कि विश्व में जयपुर का गौरव कही जाने वाली ऐसी तमाम परपंरागत कलाओं और विलुप्त होते काम धंधों की फिर से कायापलट की जा सके। राजस्थान सरकार की ओर से इस कला के संरक्षण के लिए फेस्टिवल आयोजित किये जा रहे हैं। साथ ही जयपुर के प्रसिद्ध गलीचा उद्योग (Jaipur ka Galicha MSME Schemes) से जुड़े सभी मेहनतकश कारोबारी और हुनरमंद कारीगर राजस्थान सरकार के उद्धयोग मंत्रालय तथा MSME विभाग से संपर्क करके विभिन्न लाभकारी योजनाओं की जानकारी एवं समुचित मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं।
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